Friday 28 October 2011

परमपिता परमात्मा शिवबाबा हैं .... मेरा बाबा.....प्यारा बाबा.....मीठा बाबा .....दयालु बाबा ...... कृपालु बाबा ...... सत बाप...... सत टीचर ...... सत गुरु..... कोमेंट्री ........... मैं आत्मा अशरीरी हूँ ......... बाप समान सम्पन्न और सम्पूर्ण हूँ ......... मैं आत्मा एकता ....... एकमत ....... एकरस .......एक की लगन में मगन रहने वाला हूँ ......... और संगठन में भी एकरस स्थिति में स्थित कराने का सहयोगी हूँ ........ शक्ति सेना हूँ ........ रूहानी सेना हूँ ...... विजयी हूँ ........ संस्कारों में बापदादा समान हूँ ........ आदि देवताई संस्कार वाला सम्पन्न और सम्पूर्ण हूँ ........ मन्सा वाचा कर्मणा में चढ़ती कला का परिवतन वाली आधार मूर्ती हूँ ........ महावीर हूँ ......... सम्पूर्ण परिवर्तन वाली लक्की स्टार हूँ ....... मैं आत्मा स्नेह संपर्क सहयोग में भी चढ़ती कला वाली सम्पन्न और सम्पूर्ण हूँ ......लाइफ में सदा प्रेक्टिकल हूँ....... धारणामूर्त हूँ ....... प्रेक्टिकल मूर्त हूँ ...... ज्ञान मूर्त हूँ ...... गुण मूर्त हूँ ....... माना परमात्म ज्ञान का प्रूफ हूँ ........ मैं सम्पूर्ण समर्पण हूँ ........मैं आत्मा समय संकल्प श्र्वास को सफल करने वाला सफलता का सितारा हूँ ....... मैं आत्मा लाइट हाउस माईट हाउस हूँ ....... सारे विष्व को लाइट और माईट से चमका रहा हूँ ..........प्रकाशित कर रहा हूँ ........ ज्ञान सूची ........ सर्व का एक ही समय एक ही साथ और एक ही संकल्प है तो ....... संगठन ही सेफ्टी का साधन बन जाता है ........ संगठन से विजयी बन सकते हैं ....... संगठन से ही श्रेष्ठ बन सकते हैं ........ एकता एकमत से ही एकरस स्थिति आती है ........ एकरस अवस्था से ही सही मायने का पुरुषार्थ होता है ........ एवररेडी बन सकते हैं ........ संगठन की शक्ति परमात्म ज्ञान की विशेषता है .......... पुराने वा अवगुणों का अग्नि संस्कार .......... १०. बेदरकारी जिम्मेदारी न संभालना गेर जिम्मेदार .......... मैं आत्मा सावधान ख़बरदार एक्यूरेट अलर्ट और जिम्मेदार हूँ.... मैं आत्मा परमधाम शान्तिधाम शिवालय में हूँ ..... शिवबाबा के साथ हूँ ..... समीप हूँ .... समान हूँ ..... सम्मुख हूँ ..... सेफ हूँ ..... बाप की छत्रछाया में हूँ .....अष्ट इष्ट महान सर्व श्रेष्ठ हूँ ...... मैं आत्मा मास्टर ज्ञानसूर्य हूँ .... मास्टर रचयिता हूँ ..... मास्टर महाकाल हूँ ..... मास्टर सर्व शक्तिवान हूँ ..... शिव शक्ति कमबाइनड हूँ ........ अकालतक्खनशीन हूँ ....अकालमूर्त हूँ ..... अचल अडोल अंगद एकरस एकटिक एकाग्र स्थिरियम अथक और बीजरूप हूँ ........ शक्तिमूर्त ..... संहारनीमूर्त ...... अलंकारीमूर्त ..... कल्याणीमूर्त हूँ ......शक्ति सेना हूँ ..... शक्तिदल हूँ ...... सर्वशक्तिमान हूँ ...... रुहे गुलाब .... जलतीज्वाला .... ज्वालामुखी .... ज्वालास्वरूप .... ज्वालाअग्नि हूँ .... बेदरकारी जिम्मेदारी न संभालना गेर जिम्मेदार ..........अवगुणों का आसुरी संस्कार का अग्नि संस्कार कर रही हूँ ........ जला रही हूँ ...... भस्म कर रही हूँ ...... मैं आत्मा महारथी महावीर बेदरकारी जिम्मेदारी न संभालना गेर जिम्मेदार .......... के मायावी संस्कार पर विजयी रूहानी सेनानी हूँ .......... मैं आत्मा सावधान ख़बरदार एक्यूरेट अलर्ट और जिम्मेदार हूँ .... ........ मैं देही -अभिमानी ..... आत्म-अभिमानी..... रूहानी अभिमानी .....परमात्म अभिमानी..... परमात्म ज्ञानी ..... परमात्म भाग्यवान..... सर्वगुण सम्पन्न ..... सोला कला सम्पूर्ण ..... सम्पूर्ण निर्विकारी ..... मर्यादा पुरुषोत्तम ...... डबल अहिंसक हूँ ..... डबल ताजधारी ..... विष्व का मालिक हूँ ..... मैं आत्मा ताजधारी ..... तख़्तधारी ..... तिलकधारी ..... दिलतक्खनशीन ..... डबललाइट ..... सूर्यवंशी शूरवीर ....... महाबली महाबलवान ..... बाहुबलि पहलवान ....... अष्ट भुजाधारी अष्ट शक्तिधारी अस्त्र शस्त्रधारी शिवमई शक्ति हूँ .....


No comments:

Post a Comment