5000 स्कूल कॉलेजो में और 800 जेलों कारागृह में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया है जिससे इनका नाम इंडिया बुक रिकार्ड में दर्ज है ब्रह्माकुमारीज़ माउंट आबू में ईश्वरीय सेवा में 35 वर्षो से समर्पित है.
Saturday, 29 October 2011
कल्प की आयु अरबों वर्ष नहीं बल्कि 5000 वर्ष है मनुष्य मानते और कहते आये हैं कि सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग मिलाकर कुल आधा कल्प होता है । इसके बाद इतना ही समय (आधा कल्प) नई सृष्टी को बनाने में लगता है । यह कुल मिलाकर एक कल्प होता है । कल्प की आयु 4 अबर और 32 करोड वर्ष है क्योंकि कलियुग की आयु 1200 दिव्य वर्ष है, द्वापर की इससे दोगुनी, त्रेतायुग की तीन गुणा और सतयुग की चार गुणा है और हर दो युगों के बीच में संधिकाल अथवा संगम भी होता है । इस प्रकार कलियुग अभी बच्चा है । ऊपर लिखे मत की असत्यता को समझने के लिए निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार कीजिए - 1) द्वापरयुग की आयु को कलियुग की आयु से दो गुना, त्रेता की आयु को तीन गुना और सतयुग की आयु को चार गुना मानने के कारण क्या है ? क्यों न इन युगों की आयु बराबर-बराबर मानी जाए और द्वापर में धर्म ही को दो गुनी कलाएँ, त्रैतायुग में तीन गुनी कलाएँ और सतयुग में चार
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