Saturday 29 October 2011

गीता का भगवान कौन ? मनुष्य क्या मानते और कहते आये हैं ? मनुष्य मानते और कहते आये हैं कि श्री कृष्ण भगवान थे और श्रीकृष्ण भगवान ने द्वापर युग के अन्त में गीता ज्ञान सुनाया था और महाभारत युद्ध के द्वारा आसुरी सम्प्रदायों का महाविनाश कराया था । वे कहते आये हैं कि श्रीकृष्ण परमधाम से अवतरित हुए थे और सृष्टि रुपी वृक्ष के बीज रुप थे, सर्वशक्तिमान थे तथा परमपिता थे । ऊपर लिखे मत की असत्यता को समझने के लिए निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार किजीए - 1. जबकि भगवान शब्द ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के भी रचयिता एक ज्योतिषस्वरुप परमात्मा ही का वाचक है जोकि कल्याणकारी होने के कारण शिव कहलाता है तो विष्णु देवता के साकार रुप श्रीकृष्ण देवता को भगवान (त्रिदेव का भी रचयिता) कैसे माना जा सकता है ? 2. जबकि भगवान शब्द एक ज्योतिबिन्दु, त्रिदेव रचयिता परमपिता परमात्मा शिव का वाचक है तो भगवद्‌ गीता (भगवान के ज्ञान-गीता) को भगवान शिव के महावाक्यों का संग्रह क्यों न माना जाय और उसे श्रीकृष्ण देवता के उपदेशों का संग्रह क्यों माना जाय ?


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