गया। नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व और व्यवहार में निखार आता है। नैतिक मूल्यों का ह्रास ही व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का मूल कारण है। अगर समाज में सुधार लाना है, ते नैतिक मूल्यों की आवश्यकता है। उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से आए भगवान भाई ने मंगलवार को यहां केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 एवं हंसराज पब्लिक स्कूल में कही।
उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा की धारणा से आंतरिक सशक्तिकरण से इच्छाओं को कम कर भौतिकवाद की आंधी को कम किया जा सकता है। परिणाम स्वरूप जीवन शैली में सरलता के कारण फालतू खर्चे से बच सकते हैं। नैतिक मूल्य की धारणा के कारण मन का संघर्ष समाप्त होता है। जिससे हम चरित्रवान बन सकते हैं। व्यक्ति का आचरण भी जुबान से तेज बोलता है। लोग जो कुछ आंखों से देखते है। उसकी ही नकल कर बैठते हैं। हमारे जीवन के श्रेष्ठ मूल्यों की धारणा को देख दूसरों में परिवर्तन आ सकता है। जिनमें मूल्यों की धारणा होगी वह लालच, ¨हसा, स्वार्थ, झूठ, कपट, असत्यता का विरोध करेंगे। जिससे समाज में परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि अनैतिक का कर्म शुरू में मीठा लगता है। लेकिन अंत उसका बुरा है। अनैतिकता मनोबल कमजोर बनता है। मुख्य शिक्षण द्वारा ही हम जीवन जीने का कौशल्य प्राप्त कर सकते हैं। इससे ही हम इस भौतिक जगत में भावनात्मक रूप से जीवन जीने में सफल बन सकते हैं। मौके पर केंद्र संचालिका शीला, रांची से आई निर्मला, बी.के.प्रदीप भाई आदि मौजूद थे। इस कार्यक्रम संचालन नूर कम्पाउंड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आयोजित की गई।