Sunday 2 December 2012

आध्यात्म

हमारा मन बहुत ही चंचल है और वह हर समय विचलित रहता है, मन को काबू करना बहुत ही कठिन है। लेकिन आध्यात्म ही एक ऐसा मार्ग है जिसके द्वारा मन को नियंत्रण में किया जा सकता है। हम जीवन में एकरसता से उब जाते हैं और मनोरंजन के साधन तलाश करने लगते हैं। हम समझ नहीं पाते हैं कि इस खालीपन का कारण क्या है। हम खुद को खुश करने के लिए टी. वी, कम्प्युटर या मनोरंजक किताब का सहारा लेते हैं, इससे कुछ देर के लिए तो हमे राहत मिल जाती है लेकिन धीरे – धीरे तनाव और खालीपन फिर से हमारे मन पर छाने लगता है। यह तनाव और थकान असल में हमारी आत्मा का होता है, जिसे हम समझ ही नहीं पाते हैं। इस तनाव और खालीपन को दूर करने के लिए हमें अपने आप को आध्यात्म को समर्पण कर देना चाहिए।
यदि आप में नकारात्मकता या घृणा है तो आपको समर्पण करना होगा। संतोष और खुशी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं, अन्य बातों का आना जाना लगा रहेगा। सच पूछिये तो आध्यात्म और कुछ भी नहीं, बल्कि आपका अपना ही आन्तरिक संतुलन है और इसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बहुत गहराई से महसूस किया जाना चाहिए। और एक बार यदि आपने आन्तरिक संतुलन कायम कर लिया तो आपकी ही जिन्दगी के प्रति आपका नज़रिया एकदम बदल जाता है। आपको जिन्दगी बहुत ही आसान और खुबसूरत नज़र आने लगेगी। बस जरूरत है अपने भीतर छुपे उस ज्ञान को पहचानने की। आज जिनके पास दौलत है दुनिया के सभी सुख आराम है वो भी खुश नहीं हैं, और जिनके पास कुछ नहीं वो भी परेशान हैं। सच कहा जाए तो बस आप जीवन को व्यतीत कर रहे हैं उसे जी नहीं रहे हैं, क्योंकि यदि एक बार आपने जिन्दगी का मज़ा लेना शुरू कर दिया तो हर मुश्किल से मुश्किल काम आपके लिए आसान प्रतीत होने लगेगा।

यदि आपके मन के भीतर ही शांति ही नहीं है, तो बाहर कितना भी ढूंढ लें आप कभी भी खुद को संतुष्ट नहीं कर पाएंगे। आध्यात्मिकता का अर्थ यह बिल्कुल नहीं कि आप बाकी दुनियादारी छोड़ दें और बस अध्यात्म की तलाश में लगे रहें। इसका अर्थ है कि आप एक बार इस बात पर विचार करें कि क्या आप जिन्दगी को उसी तरह से जी रहे हैं जैसा कि आप चाहते हैं। यदि जवाब 'नहीं' है, तो आपको आन्तरिक संतुलन की आवश्यकता है जो केवल ध्यान योग और आध्यात्म के द्वारा ही पाया जा सकता है। परेशानी और मुश्किलें तो जीवन में आती जाती रहेंगी पर आपको अपनी सोच बदलनी होगी। आप हर परेशानी का सामना आसानी के साथ कर लेंगे यदि आपका मन स्थिर और शांत है। केवल एक बार आध्यात्मिकता को जीवन में शामिल कर के देखें, आप आत्मिक ज्ञान का अनुभव करेंगे और हमेशा आनंदित रहेंगे।
 
 

विदर्भ रत्त्न

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई

-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया

बायो --डाटा (परिचय ) ब्रह्मा कुमार भगवान भाई आबू पर्वत

बायो --डाटा (परिचय ) ब्रह्मा कुमार भगवान भाई आबू पर्वत बायो --डाटा (परिचय ) ब्रह्मा कुमार भगवान भाई आबू पर्वत ब्रह्माकुमारी नाम: राजयोगी ब्रह्मा कुमार भगवान भाई ब्रह्माकुमारी शांतिवन में राजयोगा टीचर मुख्यालय प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विद्यालय विश्व आबू पर्वत राजस्तान में रसोई विभाग में ब्रह्मा भोजन में सेवा लेखक, विभिन्न मगैनेस और समाचार पत्रों में शैक्षिक योग्यता: 10 वीं और आय .टी .आय . जन्म तिथि: जून 1, 1965 सेवा स्थान: अबू रोड, शांतिवन ज्ञान में : 1985 सेवा में समर्पित कब से 1987: सेवा --- जैसे, ग्राम विकाश कई आध्यात्मिक अभियानों में , रैली, शिव सन्देश रथ यात्रा, मूल्य आधारित मीडिया अभियान, मूल्य आधारित शिक्षा अभियान, युवा पद यात्रा, आदि भारत के विभिन्न प्रदेशों में, साथ ही में नेपाल में भी भाषण विभिन्न विषयों पर पर संबोधित किया है कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय (5000) स्कूल में नीतिक मूल्य बारे में स्कूलों और जेलों (800) समाज सेवा पुनर्वास शिविर बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं, भूकम्प आदि कोर्स और प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न क्लास लिया है यह ईश्वरीय विश्वविद्यालय के एक बहुत अच्छे लेखक हैं. अपने लेख बहुत बार कई पत्रिकाओं में प्रकाशित कर रहे हैं

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया

Monday 19 November 2012

BRAHMA KUMARI VIDARDH RATAN

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे
प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया

BRAHMA KUMARI

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे
प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया

VIDARBHA

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे
प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया

Sunday 28 October 2012

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनराईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया


रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई


          " विदर्भ रत्त्न " अवार्ड से ब्रह्माकुमार भगवान भाई सम्मानित 
        


आबू रोड --प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शान्तिवन के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई को सनारईज पीस मिशन की ओर से " विदर्भ रत्त्न " 2012 से सम्मानित किया i यह अवार्ड उनको भारत के विभिन्न राज्यों के 5000 से अधिक स्कूल में हजारो बच्चो को मुल्यनिष्ट शिक्षा के जरिये नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिय लगातार पढाये जाने पर तथा जेलों में हजारो कैदियो को अपराध को छोड़ अपने जीवन में सदभावना ,मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के जरिये सन्देश देने के अथक प्रयास हेतु दिया गया i
                    नागपुर के गुलमोहर हॉल में
सनारईज पीस मिशन के संस्थापक व अध्यक्ष  डॉ हरगोविंद मुरारक यह अवार्ड ने दिया i इस अवसर पर उन्ह्नोने कहा की ऐसे प्रयास से लोगो के जीवन में एक उर्जा का संचार होगा तथा लोगो में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा i उह्नोने बताया की बीके भगवान भाई पिछले कई सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।
                  ब्रह्माकुमार भगवान् भाई ने अपना अनुभव बताते हुए खा की 30 वर्ष पहले नागपुर के स्थानीय ब्रह्मकुमारिज सेवाकेन्द्र द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम से राजयोग सिखा था i जिससे मनोबल व आत्मबल बढ़ा जिसका परिणाम आज भारत के विभिन्न राज्यों में युवावो और कैदी बंधुओ में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास क्र रहे है i आज का युवा कल का समाज है कल के समाज को परिवर्तन करना चाहते हो तो वर्तमान के युवाओ को
नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा से सशक्त बनाने की आवश्यता है i स्कूल से समाज के हर एक जगह व्यकित जाता है i
                  अंत में  बी के नीलिमा ने धन्यवाद व्यक्त किया i