Saturday 13 July 2013

तनाव उत्पन्न करने वाले कारणों

तनाव उत्पन्न करने वाले कारणों को कुछ समझ और विचारपूर्वक दूर किया जा सकता है. ये हैं उसके तरीके:-
1 – तनाव को पहचानें - यह सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. जो बातें आपको तनावग्रस्त करती हैं उन्हें यदि आप केवल पहचान ही लेंगे तो उन्हें दूर करने के उपाय करना आसान हो जायेगा. स्वयं को दस मिनट दें और सोचें कि आज आप तनाव में और दबाव में क्यों रहे. सप्ताह में ऐसा कितने बार होता है? कौन से लोग, गतिविधियाँ, बातें आपकी ज़िन्दगी को बोझिल बनाती हैं? टॉप 10 की एक लिस्ट बनायें और देखें कि क्या आप उनमें कुछ परिवर्तन ला सकते हैं या नहीं. एक-एक करके उन्हें सुधारते जाएँ और प्रयासरत रहें.
2 – अनावश्यक संकल्पों को छोड़ दें - हम अपने जीवन में कई सारे संकल्प करते हैं – हमें यह करना है – हमें वह करना है. पत्नी, बच्चे, कामकाज, घर-गृहस्थी, समाज, धर्म, शौक, और ऑनलाइन गतिविधियों से जुड़े कई सारे संकल्पों को हम पूरा करने में लगे रहते हैं. इनमें से प्रत्येक की समीक्षा करें. क्या ऐसा कुछ है जो अच्छे परिणाम की अपेक्षा तनाव देता है. इस कार्य को निर्ममतापूर्वक करने की ज़रुरत है. जो कुछ भी आपके शुख-शांति के रास्ते में आता है उसे बेवज़ह ढोने में कोई तुक नहीं है. उस संकल्प को पहले दूर करें जो ज्यादा तनाव देता हो.
3 – टालमटोल करने की प्रवृत्ति छोडें - हम सभी ऐसा करते हैं. इसके कारण काम का दबाव बढ़ता जाता है. ‘अभी ही करना है’ की आदत डाल लें. अपने इनबॉक्स और टेबल को साफ़ रखें.
4 – व्यवस्था लायें - कुछ हद तक सभी व्यक्ति अव्यवस्था के बीच रहते हैं. यदि हम व्यवस्था बनाये रखने का प्रयास करें और इसमें प्रारंभ में सफल हो भी जाएँ तो भी अव्यवस्था को जगह बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता. अपने माहौल में अव्यवस्था रखने से तनाव बढ़ता है. इससे हमें चीज़ें तलाशने में देर लग जाती है और कामकाज में बाधा आती है. अपने परिवेश में व्यवस्था लायें. शुरुआत अपनी टेबल और दराज़ से करें. घर के किसी एक कोने से शुरुआत करें. पूरे घर को दुरुस्त करना ठीक न होगा. छोटे से हिस्से से शुरुआत करें और व्यवस्था को वहां से आगे फैलने दें.
5 – जल्दी उठें - देर से उठना कई परेशानियों की जड़ है. किसी दिन 15 मिनट देर से उठें तो पाएंगे की रोजमर्रा के सभी काम करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. कामकाज पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. जल्दी उठने की आदत डालें. इसी के साथ जल्दी सोने की आदत भी डालनी चाहिए. काम पर जल्दी निकालने से आप ट्रेफिक की समस्या से बच जाते हैं और ड्राइविंग में मज़ा भी आता है. यह जांचें की आपको तैयार होने में कितना समय लगता है और कहीं पहुँचने में कितना समय लगता है. इस समय को कम करके न आंकें. एक छोटा सा अंतराल भी बड़ा बदलाव ला सकता है. सिर्फ दस मिनट का परिवर्तन लाकर देखें. आपको फर्क पता चलेगा.
6 – दूसरों को नियंत्रित न करें - याद रखें, हम सारी दुनिया के मालिक नहीं हैं. हम चाहते तो हैं कि ऐसा होता लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम ऐसा ख्याल ही अपने मन में पाल लें. हम चीज़ों और लोगों को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं और इसमें सफल नहीं हो पाते. इससे तनाव बढ़ता ही है. दूसरी चीज़ें जैसी घटित होती हैं और दूसरे लोग जैसे काम करते हैं उसे स्वीकार कर लें. यह भी स्वीकार कर लें कि अलग-अलग परिस्थितियों में चीज़ें एक ही तरह से नहीं होतीं. धयान रखें, आप केवल स्वयं पर ही नियंत्रण रख सकते हैं. इसीलिए दूसरों को नियंत्रित करने से पहले स्वयं को काबू में रखने का काम करें. यह भी सीखें कि स्वयं पर काम थोपने के बजाय आप दूसरों से भी उसे करवा सकते हैं. हममें दूसरों को अपने अधीन रखने कि अदम्य इच्छा होती है. इससे बचने में ही हमारी भलाई है. यह जीवन को तनावमुक्त रखता है.
7 – मल्टीटास्किंग बंद करें - मल्टीटास्किंग का अर्थ है एक साथ कई काम करना, जैसे कम्प्युटर कर लेता है. कई लोग इसे बहुत बड़ा गुण समझते हैं लेकिन हकीकत में इसके नुकसान अधिक हैं. यह हमारी काम करने की गति को सुस्त और बाधित कर देता है. इससे काम के ज़रूरी पक्षों से ध्यान हट भी सकता है. यह तनाव बढ़ाता है. एक वक़्त में एक ही काम करें.
8 – ऊर्जा का क्षय रोकें - यदि आपने पहली स्टेप में बताये अनुसार तनाव उत्पन्न करनेवाले कारणों की पहचान की है तो आपने शायद ऐसे काम भी नोट किये होंगे जो आपकी ऊर्जा को सिर्फ नष्ट करते हैं. कुछ काम ऐसे होते हैं जिनमें दूसरे कामों कि अपेक्षा ज्यादा ऊर्जा और समय लगता है. उन्हें पहचानें और हटायें. जिंदगी बेहतर जीने के लिए भरपूर ऊर्जा का होना जरूरी है.
9 – मुश्किल लोगों से दूर रहें - क्या आप उन्हें जानते हैं? ये लोग हैं आपके बौस, कलीग, कस्टमर, दोस्त, परिजन, आदि. कभी-कभी ये ही हमारी ज़िन्दगी को मुश्किल बना देते हैं. उनसे लड़ना ठीक न होगा इसलिए उन्हें टालने में ही भलाई है.
10 – सरलीकरण करें - अपनी दिनचर्या को सरल-सहज करना बहुत ज़रूरी है. अपने संकल्प, सूचना-व्यवस्था, आवास और कार्यस्थल, और जीवन में घटित हो रही बातों को सरल बनाना ज़रूरी है. इसके अच्छे परिणाम होते हैं. इसके लिए इसी ब्लौग पर कुछ और लेखों में सुझाव बताये गए हैं.
11 – स्वयं को समय दें - स्वयं को थोडा अधिक समय देने का प्रयास करें. ज़रूरी नहीं है कि हर काम घड़ी देखकर किया जाए. समय की कमी हो तो मीटिंग टाल दें. यदि फोन या ई-मेल से बात बनती हो तो मिलने की क्या ज़रुरत है? यदि यह संभव न हो तो मीटिंग का कोई वक़्त फिक्स न करें. लोगों से कहें कि वे आपको फोन करके पूछ लें कि आप फ्री हैं या नहीं. इस तरह कभी-कभार बचने वाले थोड़े-थोड़े समय को स्वयं को देने में या पसंदीदा काम करने में लगायें.
12 – धीरे करें - आपाधापी में लगे रहने के बजाय थोडी कम रफ़्तार से काम करने में चीज़ें बेहतर तरीके से होती हैं. आननफानन टाइप करके बाद में गलतियाँ सुधारने से बेहतर है कि धीरे टाइप करें. खाने का लुत्फ़ उठायें, लोगों से मन बहलायें, दुनिया देखें. तनाव दूर करने में यह टिप बड़ी कारगर है.
13 – दूसरों की मदद करें - यह टिप विरोधाभासी नहीं है. यह न सोचें कि आप तो वैसे ही काम के बोझ तले दबे हुए हैं और दूसरों कि मदद करके तो आपका कचूमर ही नक़ल जायेगा. दूसरों की मदद करने से, स्वयंसेवक के बतौर काम करने से, या चैरिटी संगठन में काम करने से आप भीतर से बहुत अच्छा अनुभव करते हैं और यह आपका तनाव दूर करता है. यदि आप दूसरों पर नियंत्रण ही करना जानते हैं तो यह आपके लिए कुछ मुश्किल होगा. यदि आप इसे बहुत सरसरे तरीके से करते हैं तो इसका लाभ आपको न मिलेगा. इसे सहजता और सद्भावना से करें. दूसरों का जीवन बेहतर होगा तभी आपका जीवन बेहतर बनेगा.
14 – ज़रा सा आराम करते चलें - कामकाज के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना सही रहता है. यदि आप दो घंटों से काम में भिडे हुए हैं तो जरा ठहरें. अपने कन्धों और बांहों को आराम देने के लिए फैलाएं. टहलें, पानी पियें. बाहर जाएँ, खुला आसमान देखें, ताजी हवा में साँस लें. किसी से बात करें. रचनात्मकता अच्छी बात है लेकिन जीवन उससे ज्यादा कीमती है. अपनी ऑनलाइन गतिविधियों पर भी थोड़ा नियंत्रण रखें.
15 – काम छोड़ दें - यह भयावह टिप है. इसे कर पाना सबके बस की बात नहीं है. सच कहूँ तो आपका कामकाज या नौकरी  आपके तनाव का सबसे बड़ा कारण है. यदि आपको आर्थिक मोर्चे पर कुछ सुरक्षा हासिल है तो ज़रा सोचें – क्या आप नौकरी के बदले कुछ ऐसा कर सकते हैं जो आप सदैव करना चाहते थे. यदि आप ऐसा कर पाते हैं तो आपके जीवन में एड़ी से चोटी तक परिवर्तन आ जायेगा. केवल यही टिप आपका तनाव ९०% तक कम कर सकती है. इसे यूँ ही टालने की बजाय गंभीरता से लें – शायद ऐसी कई संभावनाएं हों जिनकी ओर आपका ध्यान नहीं गया हो.
16 – ज़रूरी कामों की लिस्ट बनायें - क्या इसके बारे में भी विस्तार से बताना पड़ेगा? ज़रूरी कामों को प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए एक लिस्ट बना लेना चाहिए और उसके अनुसार काम करना चाहिए.
17 – कसरत करना - इसके कई लाभ हैं. शारीरिक और मानसिक स्तर पर यह बहुत प्रभावशील है. यह शरीर को फिट रखने के साथ-साथ तनाव से भी कुशलता से निपटती है. एक स्वस्थ और फिट व्यक्ति थकान और दबाव का सामना बेहतर तरीके से कर सकता है. दूसरी ओर, अस्वस्थ होना स्वयं में बहुत बड़ा घाटा है. कसरत हमें रोग और तनाव से दूर रखती है.
18 – अच्छा खाएं - यह कसरत करने जितना, बल्कि उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है. सम्यक, संतुलित, और सात्विक आहार शरीर और मन को पुष्ट करता है. तला हुआ चटपट खाना हाजमे को ख़राब करता है और शरीर को बोझिल बनाता है.
19 – आभारी बनें - यदि आप दूसरों का आभार व्यक्त करते हैं तो इसके सकारात्मक परिणाम होते हैं. आपके जीवन से ऋणात्मक सोच बाहर निकलती है. दूसरे भी आपकी इस क्रिया से अच्छा अनुभव करते हैं. अपने जीवन में आपने जो कुछ भी पाया है और जिन व्यक्तियों का साथ आपको मिला है उसे उपहार मानकर उसके लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करें. जीवन के प्रति इस प्रकार का दृष्टिकोण रखकर आप अपने जीवन में सुख और शांति के आने का मार्ग प्रशस्त करेंगे. यह आत्मिक समृद्धि का सूत्र है.
20 – ज़ेन जैसे परिवेश का निर्माण - ऊपर बताये गए अनुसार अपनी टेबल और दराज़ को व्यवस्थित करने का प्रयास करें. ऐसा करने के बाद उस व्यवस्था को और दूसरे स्थानों की ओर फैलने का अवसर प्रदान करें जब तक आपके इर्दगिर्द सरल, शांत, ज़ेन जैसे परिवेश का निर्माण न हो जाए. ऐसे परिवेश में जीने और काम करने से जीवन में अतुलनीय शांति और रचनात्मकता आती है और तनाव और दबाव कोसों दूर हो जाते हैं.

तनाव

तनाव की समस्या, समाधान क्या है

आज की इस तेज रफ्तार जीवनशैली में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे तनाव न हो। बड़ों की बात छोड़िए आज के युग में छोटे-छोटे बच्चे भी तनावग्रस्त रहने लगे है। तनाव एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला बना देता है। जब इसकी अति हो जाती है तो यह एक गंभीर रोग बन जाता है। तनाव से आज हर कोई व्यक्ति ग्रस्त है। कुछ लोग तनाव को बेवजह पालते हैं तो कुछ लोग व्यर्थ की चिंताओं में ग्रस्त होकर अपने वर्तमान और भविष्य को नष्ट करते हैं। इसके साथ ही तनाव अनेक रोगों और समस्याओं को जन्म देता है, जिसमें भूख न लगना, काम में मन न लगना, चिढ़चिढ़ापन, क्रोध, कब्ज आदि प्रमुख हैं।
तनाव से होने वाली हानियां
) तनाव के कारण शरीर असंतुलित हो जाता है, जिसके कारण बदहजमी और पेट दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
) मानसिक तनाव के कारण चेहरे की मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिसके कारण त्वचा में झुर्रियों की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
) तनाव रक्तचाप को बढ़ाता है जो हृदय रोग का कारण बनता है।
) तनावग्रस्त होने पर व्यक्ति को नींद न आने की समस्या हो जाती है, जो उसके स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती है।
) तनाव सिरदर्द की समस्या को उत्पन्न करता है।
) तनाव व्यक्ति की भूख को समाप्त कर देता है, जिसके कारण व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
) तनाव मुंहासों की समस्या को उत्पन्न करने में भूमिका निभाता है।
) अत्यधिक तनाव आयु को कम करता है।
तनाव कम करने के उपाय
) योग करना तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
) अपने अंदर छुपी रूचि को विकसित करने का प्रयास करें।
) कभी भी किसी विषय पर अत्यधिक गंभीर न हों।
) नींद न आना या फिर कम सोना भी तनाव का महत्वपूर्ण कारण है, इसलिए भरपूर नींद लें, नींद न आती हो तो सोने से पूर्व अच्छी पुस्तक का अध्ययन करें।
) नियमित सैर व एक्सरसाइज की आदत डालें।
) आदतों में बदलाव लाने का प्रयास करें, कभी-कभी हमारी गलत आदतें और स्वयं हमारा व्यवहार भी हमें तनावग्रस्त करता है।
) स्वयं को काम में व्यस्त रखें। व्यर्थ बातों को सोचकर तनावग्रस्त न हों।
) प्रात: जल्दी उठकर ताजी हवा में सांस लें।

तनाव को कम करने के लिए

तनाव को कम करने के लिए 10 तरीके
यदि आप एक है जो अपने आप को मौत की चिंता पर रखने के होते हैं, आप अपने तनाव के साथ सामना करने की क्षमता पर सुधार करना चाहिए.
इस अनुच्छेद के लिए 10 तरीकों के साथ सौदा होगा तनाव को कम करने .
1. खाने के लिए कम नमक
कम नमक खाने में आप स्वस्थ परिणाम देगा. जब आपके स्वास्थ्य में सुधार, आपको लगता है कि आप बेहतर तनाव के साथ सामना कर सकते हैं.
2. अभ्यास
एक चलना या सीढ़ियों जब आप चिढ़ और तनावपूर्ण महसूस लेने के लिए जाओ. एक व्यायाम तनाव को कम करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है.
3. चीनी प्रलोभन का विरोध
आप एक व्यक्ति जो चीनी के लिए तड़पोगे जब आप एक तनावपूर्ण स्थिति में हैं? यदि हां, तो करने के लिए चीनी प्रलोभन का विरोध करना सीखो. आप एक सेब जैसे स्वस्थ खाना पसंद है, पर चबाना सीख सकते हैं.
4. अच्छी तरह से सो जाओ
सो अच्छी तरह से सचेत अवस्था में अपने मन रखने के लिए मदद मिलती है. आप समाधान के बारे में सोच करने के लिए तनाव का कारण बनता है वास्तविक के साथ सौदा कर सकते हैं.
5. एक बदलाव के लिए समय
जब आप उदास हैं, तो आप कुछ अलग करने की जरूरत है अपने मन और दृष्टिकोण में सुधार. वास्तव में, यह आप के लिए बेहतर है सरल कार्य आनंद लेने के लिए सफलता और उपलब्धि की भावना हो.
6. अपने आप पर फोकस
जानने के लिए ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक खुद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए. आप अपने मन और शरीर को आराम महसूस होगा.
7. पर्याप्त आहार फाइबर जाओ
कब्ज तनाव है साथी की एक बार. आप पर्याप्त आहार फाइबर खाने के लिए पूरी तरह लगता है चाहिए, और कब्ज को रोकने के.
8. क्षण में जीते
हमेशा वर्तमान क्षण का आनंद लें. तुम खुद को एक भयानक भविष्य के विचारों के साथ अत्याचार नहीं होगा. कि अनावश्यक तरह का एक है तनाव .
9. एक डॉक्टर को देखने
अपने तनाव शारीरिक रोग से आ सकता है. आप अपने चिकित्सक से परामर्श करने के लिए अपने सिर दर्द, खांसी, के लिए कारण खोजना होगा मांसपेशियों में दर्द और अन्य बीमारियों.
10. मस्तिष्क की गतिविधियों
एक शौक है कि शारीरिक और मानसिक रूप से व्यस्त है ले लो. आप एक रन के लिए जाने के लिए या अपने मन रखने के लिए बागवानी कर सकते हैं बिलों के निरंतर चिंता.

तनाव

आपको यदि तनाव से बचना है तो खुद को व्यवस्थित कर लीजिए। इसमें कोई खर्च नहीं है, सिर्फ अपनी दिनचर्या और काम-काज को सही तरीके से करने की जरूरत है। साथ ही सेहत का भी ध्यान रखिए। ताजा प्राकृतिक भोजन ही आपकी सेहत के लिए सबसे बढ़िया है। अच्छी सेहत के साथ-साथ यह आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ता। रात के या दोपहर के भोजन के बाद घर के आसपास टहलने का अपना ही मजा है। मजाकिया किताब पढ़ना, ढलते सूरज को देखना, अच्छी तरह स्नान करना या पंद्रह मिनट के लिए बाथ टब में लेटने का भी अपना ही आनंद है। मैं शाम के समय नहाता हूं तो मेरी थकान दूर हो जाती है और मैं तरोताजा महसूस करता हूं। कुछ लोग काम ज्यादा होने की वजह से परिवार के लिए समय नहीं निकाल पाते। मुझे अपने परिवार के साथ भोजन करने में बड़ा मजा आता है। मैं ऐसा अक्सर तो नहीं कर पाता लेकिन मेरे या मेरी पत्नी फिर बच्चों के जन्मदिन पर भोजन के समय को सजावट से खास बना देती है। अगर आपके पास समय और मौका हो तो महीने में एक-दो बार ऐसी शाम अवश्य बिताएं।

तनाव मुक्त जीवन के कुछ उपाय

तनाव मुक्त जीवन के कुछ उपाय
यद्यपि पूर्णरूप से तनाव से मुक्त जीवन एक कल्पना मात्र है, फिर भी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए बहुत कुछ हद तक इसका होना अत्यन्त आवश्यक है। जब तनाव एक सीमा पार कर जाता है, तब हमारा मानसिक सन्तुलन बिगड़ सकता है और इसका असर शरीर पर भी पड़ता है। मनोचिकित्सकों के अनुसार, कई प्रकार के मनोरोग जैसे-चिन्ता, डिप्रेशन, हिस्टीरिया, पैनिक, डिसऑर्डर आदि के पीछे मुख्य कारण मानसिक तनाव है।

निरन्तर तनावग्रस्त बने रहना जीवन में हानिकारक है। चूँकि जीवन-उद्देश्य आपके सामने है, तनावग्रस्त से दूर रहना ही आपके लिए श्रेष्ठतर होगा। अतः आप तनाव के बहुत से कारकों से बचें, जो आप आसानी से कर सकते हैं और साथ में ये भी।
  • काम को टालने की प्रवृत्ति से बचें, अगले सप्ताह में पड़ने वाले कार्यो की अग्रिम सूची बना लें, सूची के अनुसार कार्य करें।
  • अपने पास उतना ही कार्य लें, जितना कि आप आसानी से कर सकें।
  • समय अमूल्य धरोहर है, इसलिए इसका उपयोग ध्यानपूर्वक करें।
  • गतिशील रहने पर आप अपनी समस्याएं भूल जाते हैं, एक जगह जॉगिंग करने से भी आपके मन को शांति मिलेगी।
  • कार्बोहाइडेट के सेवन से चित्त शांत होता है, कैफीन वाले पदार्थो के सेवन में कमी करें। चाय-कॉफी के स्थान पर नीबू पानी या फलों के रस का सेवन करें।
  • शोध से पता चलता है कि अपने पालतू पशु को प्यार करने से या फिर मछलियों को टैंक में देखने से मन को शांति मिलती है।
  • कार्य के प्रति, जीवन के प्रति आशावादी रुख अपनाने से आप जीवन के कठिन से कठिन क्षणों में भी विजय हासिल कर सकते हैं।
  • बंटी हुई चिताएं आधी हो जाती हैं, इसलिए समस्याओं और दुखों को मन में न रखें, किसी निकटतम व्यक्ति से बातें करके, आपको हलकापन महसूस होगा।
  • बीच-बीच में अपनी मनपसंद गतिविधि जैसे-बागवानी, घूमना, मनपसंद खेल, टीवी देखना, संगीत, समाचार, पत्र-पत्रिका वाचन, लेखन आदि कार्यो को करके आप तरोताजा महसूस करेंगे।
  • अपना कुछ समय बाहर बिताएं, देखें कि बाहर क्या हो रहा है। छोटी-छोटी बातों पर गौर करने से आपको महसूस होगा कि जिंदगी में जीने लायक कितना कुछ है।
  • चिड़िया की चहक सुनें, सूरज को डूबते देंखें, प्रकृति, वन, नदी को देखकर मन खुश हो जाता है।
  • चिंता करना छोड़कर हमेशा खुश रहें, जीवन इतना गंभीर नहीं है, जितना आपने बना डाला है। उस स्थिति में हास्य का पुट दें, ऐसा करने से स्वयं को हलका महसूस करेंगे। 
     तनाव पैदा करने वाले कारक
    • निकट सम्बन्धी की मृत्यु
    • स्वयं का या पारिवारिक सदस्य का बीमार या चोटग्रस्त होना
    • दाम्पत्य-जीवन में अनबन या तलाक
    • सैक्स से सम्बन्धित समस्याए
    • सन्तान, विशेषकर पुत्र का अभाव
    • बेरोजगारी एवं महंगाई
    • नौकरी या व्यवसाय का बदलना
    • अधिकारी से कहा-सुनी
    • निवास स्थान का बदलना या मकान बनवाना
    • भारी कर्ज का बोझ
    • आर्थिक स्तर में उल्लेखनीय कमी या वृद्धि
    • घर के किसी सदस्य द्वारा अत्यधिक शराब या नशीली पदार्थो का सेवन
    • ज्योतिषी की भविष्यवाणी
    • परीक्षा में असफलता का भय
    • किसी रोग के कारण तनाव की उत्पत्ति
    • अव्यवस्थित जीवन
    • किसी कार्य की अपेक्षा रखना और फिर न होना
    • अवसाद से भी तनाव उत्पन्न होता है
    • तनाव मुक्त जीवन के लिए हास्य का विशेष महत्व है।
    • प्रतिदिन कुछ मिनट ध्यान करने से मन को शांति मिलती है। इससे मानसिक, भावनात्मक व शारीरिक राहत महसूस होगी।
    • नौकरी करते हैं, तो छुट्टियों में आराम करके तरो-ताजा हो जाएं।
    • कोई भी फोन करने से पहले मन में भलीभांति सोच लें कि क्या बातें करनी हैं, तुरन्त हा ना कहते हुए सोचकर जवाब दें।
    • मन उचटाने वाली गतिविधियों से दूर रहें।
    • संगीत को जीवन का हिस्सा बनाए।
    • अपनी रूचि Hobbies बढ़ाए, जिससे जीवन में रचनात्मकता आए।
    • कपट छल प्रपंचना से बचने के लिए भी तनाव मन में डर के कारण कि कहीं ये बातें खुल ना जायें टैंशन हो जाती है। मन को, तन को, मस्तिष्क को, निर्मल रखिए। कथनी करनी में भेद नहीं उलझने समस्याऐं तो आज हर किसी के जीवन में रहती हैं। कायर पुरूष उनसे घबड़ा जाते हैं पुरुषार्थी उनसे सामना करके विजय पाते हैं।
    • शाकाहार फलाहारी बने, तले, चटपटे, मसालेदार खाने के पदार्थ ना लें। गुटके, तम्बाकू, चाय, मदिरा, धूम्रपान सेहत के लिए घातक हैं, हवा, जल, धूप, बागवानी श्रेष्ठ है।
    • धार्मिक साहित्य नियम से पढे और आचरण मन, वचन, कर्म से शुद्धता की ओर हों। दया, प्रेम सहिष्णुता, सरलता सर्वोपरि है।
    • बदले की प्रवृति छोड़ दें जो जैसा करेगा, भरेगा आप प्रभु पर छोड़ दें समझ लें क्षमा कर दिया पर उसके कुकर्म उसे बेमौत मार डालेंगे। और कोई अपील नहीं।
    • आशावादी रहें। पक्का इरादा अपने लक्ष्य में रखें। अपना हर कार्य स्वयं करें विनम्र सदाचारी और उपकारी रहें। तनाव आपसे सदा दूर ही रहेगा। आचरण करें।
    • यदि आप तनाव को चुनौती के रूप में स्वीकार सकते हैं, तो उसके आगे आप कभी हिम्मत नहीं हारेंगे और सफलता के पायदान पर खडे होगे।
    • ऐसे और भी कारक जो तनाव पैदा करते है
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मानसिक तनाव के कारण

तनाव दूर भगाने के आसान सूत्र

तनाव आधुनिक युग की देन है। इसकी चपेट में कोई भी अछूता नहीं है। कोई असफल होने पर तनावग्रस्त हो जाता है तो कोई जीवन से निराश रहने पर। किसी न किसी रूप में तनाव मनुष्य को घेरे रहता है। इसके लिए हमें ढूंढना होगा कि हमारे तनाव के क्या कारण हैं और उनके समाधान ढूंढने का प्रयास कर इस पर कुछ हद तक नियंत्रण पाना संभव हो सकता है। आइए देखें कुछ उपाय जिनसे तनाव पर काबू पाया जा सके।
भय, आतंक, क्रोध,र् ईष्या व दुःख नकारात्मक मनोवेग हैं। इन मनोवेगों से मन को उबारने का प्रयास करें। यदि मन इन मनोवेगों में उलझ कर जायेगा तो इंसान छुटकारा पाने के लिए सोच को सकारात्मक बनाएं। अच्छी सोच मनुष्य को सफलता के द्वार तक ले जाती है। अपने रूचिकर एवं उपयोगी कार्यों को करें और तनावमुक्त रहें।
यह सच है कि खुशी दुःखों को दूर करती है इसलिए अपने स्वभाव में कड़वाहट के स्थान पर मुस्कराहट भरें। खुश रहने वाला इंसान हर कार्य को मनोयोग से करता है। वह कार्य को बोझ नहीं समझता। दुःख अशांति और असंतोष की बातें न करें। इससे स्वयं भी दुःखी होंगे और दूसरों को भी दुःखी क...
जीवन में हम बहुत सी शारीरिक और मानसिक बीमारियों से गुज़रते हैं। अनावश्यक तनाव भी इसी प्रकार की एक बीमारी है जो बहुत सी मानसिक चिंताओं जैसे जल्दी परेशान हो जाना, प्रतिदिन होने वाले कामों की चिंता करने से उत्पन्न हो जाती है। इस मानसिक तनाव के बहुत से प्रकार होते हैं जैसे- पैनिक डिस्ऑर्डर, ऑपसेसिव-कंपल्सिव डिस्ऑर्डर, फोबिया और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर।

शरीर भौतिक और मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों के बीच भेद नहीं करता. जब आप किसी कार्यक्रम व्यस्त हो,और वहाँ किसी समस्या का सामना करना पड़ता है जैसे एक दोस्त के साथ बहस है , ट्रैफिक जाम में हों या आपके पास बिलों का भार है तब आपको तनाव के प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है

तनाव (Stress) मन स्थिति की उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है।

आसान शब्दों में, तनाव वह व्यवहार है जो किसी परिवर्तन के कारण पैदा होता है। यह उन शारीरिक और भावनात्मक स्थितियों के परिणामस्वरूप पैदा होता है जिन्हें हम नया, डरावना, भ्रम में डालने वाला, रोमांचक या थकाने वाला मानते हैं। जरूरी नहीं कि तनाव बाहरी आवश्यकताओं की वजह से ही पैदा हो, ये तो हमारे शरीर के भीतर से हमारी उम्मीदों, आशंकाओं, उम्मीदों और मान्यताओं की वजह से भी पैदा हो सकता है। ये मस्तिष्क और शरीर के लिए किसी संकेत की तरह काम करता है ताकि ये अपने आपको अचानक पैदा होने वाली किसी स्थिति के लिए तैयार कर सके।
मानसिक तनाव के कारण


मानसिक तनाव के बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमें मस्तिष्क में पाए जाने वाले रसायनो का बढ़ना
या घटना, इन्सोमेनिया, अत्याधिक तनाव, कोई बड़ा हादसा आदि।
इनके साथ कई मेडिकल परिस्थितियाँ भी शामिल हो सकती हैं जैसे- हाईपोग्लायसीमिया या फिर कोई तनावपूर्ण कार्य या यह अनुवांशिक भी हो सकता है।

कार्य को टालने से
अधिक कार्य भार सँभालने से
प्रत्येक कार्य में सुख को तलाशने में
बुरे सपने दिखाई देना
पत्रि‍काऍं बहुत अधिक पढना
भोजन की पर्याप्‍तता पर ध्‍यान दें;
कटु अतीत को केवल सबक लेने के लि‍ए याद रखें;
कोई बड़ा वि‍श्‍वास घात होने पर
कि‍सी व्‍यक्‍ति‍ पर अत्‍यधि‍क शंका करने से
कि‍सी प्रकार का नशे का सेवन करने से
आवश्‍यक नींद न लेने से
वि‍श्राम पर ध्‍यान न देंने से
किसी कष्ट दायक बात को बार-बार याद करने से
फिर किसी पुराने हादसे की याद आना।
लक्षण

डर लगना
इस तरह के तनाव में शारीरिक लक्षणों के साथ-साथ भावनात्मक लक्षण भी देखे जाते हैं। भावनात्मक लक्षणों में डर लगना,
घबराहट,होना
इस तनाव से गुज़र रहे मरीज़ों में नींद कम आना
हृदयगति बहुत तेज़ होना
हाथों का ठंडा पड़ जाना आदि लक्षण देखे गए हैं।
फिर किसी पुराने हादसे की याद आना।
सदैव चिंतित रहना
बिना बात सोचते रहना
बच्चो पर गुस्सा करना
किसी कम में मन न लगना
एकांत वातावरण को पसंद करना
नकारात्मक सोच बने रहना
चिडचिडापन बने रहना