Friday 10 June 2011

INDIA BOOK OF RECORDS BRAHAMAKUMAR BHAGAWAN BHAI FROM BRAHAMAKUMARIS MOUNT ABU BORN 1 ST JUN 1965 OR RAJASTHAN HAS CONTRIBUTED FOR THE HUMANITY BY PROVIDING VALU, EDUCATIONMORALITY AND POSITIVE CHANGE PROGRAMMES IN 5000 SCHOOL AND 800 JAILS TILL 27 MARCH 2010 BISWAROOP RAY CHOWDHURY INDIA BOOK OF RECORDS 22 APRIL 2011 स्कूल सेवा नैतिक मूल्य ब्रह्मकुमार भगवान भाई ब्रह्माकुमारी








































ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्कूलो और जेलो में नैतिक शिक्षा का
पाठ पढ़ाते-पढ़ाते अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया।
बुधवार को ब्रह्मकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र में उनका सम्मान समारोह
आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक ने उनकों
साफा और माला पहनाकर सम्मानित किया।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शांतिवन
के बीके भगवान भाई की ओर से पांच हजार स्कूलों में हजारों बच्चों को
मूल्यनिष्ठ शिक्षा के जरिए नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए लगातार
पढाए जाने पर तथा आठ सौ जेलों में हजारों कैदियों को अपराधों को छोड़
अपने जीवन में सदभावना, मूल्य तथा मानवता को बढ़ावा देने के उददेश्य से
आयोजित किए गए हजारों कार्यक्रमों के जरिए संदेश देने के अथक प्रयास को
’इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड’ में दर्ज किया गया है। दिल्ली के कनाट प्लेस में
२२ अप्रैल को यह सर्टिफिकेट इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के चीफ एडिटर विश्वरूप
राय चौधरी की ओर से एक समारोह में दिया गया। इस अवसर पर विश्वरूप राय
चौधरी ने कहा कि ऐसे प्रयास से लोगों के जीवन में एक नई उर्जा का संचार
होगा तथा लोगों में सदभावना को बढ़ावा मिलेगा। बीके भगवान भाई पिछले कई
सालों में अथक प्रयास से देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर हजारों स्कूलों
में बच्चों तथा जेलों में कैदियों में मानवता का बीज बोने का अथक प्रयास
करते रहे है जिससे यह सफलता मिली है।


ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने स्कूलो और जेलो में नैतिक शिक्षा का
पाठ पढ़ाते-पढ़ाते अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया।
बुधवार को ब्रह्मकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र में उनका सम्मान समारोह
आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक ने उनकों
साफा और माला पहनाकर सम्मानित किया।

भगवान भाई ने पांच हजार स्कूलों और आठ सौ जेलों में नैतिक शिक्षा का पाठ
पढ़ाते हुए कहा ये रिकॉर्ड बनाया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भगवान
भाई ने कहा कि स्कूलों में जाकर बच्चो को अच्छे चरित्र और सुशिक्षा की
सीख देता हूं।

उन्होंने शिक्षा का अर्थ बताते हुए कहा कि शिक्षा सशक्त, अनुशासन, समझ,
चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व विकास, सहनशक्ति, एकाग्रता, आशावादी और
सज्जनता का मिश्रण है। साथ ही उन्होंने बताया कि जेलों और स्कूलो का ये
सफर उन्होंने वर्ष 1996 में जालोर से ही शुरू किया था। वहीं ब्रह्मकुमारी
रंजू बहन ने भगवान भाई के जीवन का परिचय देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के
एक गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद कठिन परिश्रम कर उन्होंने ये
कामयाबी हासिल की है।

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