नैतिक मूल्यों से सर्वांगीण विकास संभव : भगवान भाई
Publish Date:Thu, 22 Nov 2018 01:06 AM (IST)
बेतिया । आज के बच्चे भविष्य के होनहार नागरिक हैं। भविष्य के समाज को श्रेष्ठ संस्कारवान बनाना चाहते हैं तो वर्तमान के बच्चों को भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा देने की आवश्यकता है। नैतिक शिक्षा से ही सर्वांगीण विकास संभव है। उक्त उदगार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कही। वे बुधवार को सरस्वती विद्या मंदिर डॉ हेडगेवार नगर बरवत सेना में छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को जीवन में नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर बोल रहे थे। भगवान भाई ने कहा कि शैक्षणिक जगत में विद्यालय के लिए नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है। नैतिक मूल्यों की कमी व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय और सभी समस्याओं का मूल कारण है। विद्यार्थियों का मूल्यांकन आचरण अनुसरण लेखन व्यवहारिक ज्ञान एवं अन्य बातों के लिए प्रेरणा देने की आवश्यकता है। ज्ञान की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि जो शिक्षा विद्यार्थियों को अंधकार से प्रकाश की ओर और असत्य से सत्य की ओर बंधनों से मुक्त करने की ओर ले जाए वही शिक्षा है। उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा से ही मानव के व्यवहार में निखार आना है। ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कहा कि वर्तमान समय कुसंग सिनेमा व्यसन और फैशन से युवा पीढ़ी भटक रही है। अध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक शिक्षा द्वारा युवा पीढ़ी को नई दिशा मिल सकती है। उन्होंने बताया कि सिनेमा इंटरनेट टीवी के माध्यम से युवा पीढ़ी पर पश्चात संस्कृति का घाट हो रहा है इस आघात से युवा पीढ़ी को बचाने की आवश्यकता है। युवापीढ़ी को कुछ रचनात्मक कार्य तब उनकी शक्ति सही उपयोग में ला सकेंगे। वरिष्ठ राजयोग भगवान भाई ने कहा कि हमारे मूल्य हमारी विरासत है। मूल्य की संस्कृति के कारण आज भारत को पूरे विश्व में पहचान है। इसलिए नैतिक मूल्य मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए सभी को सामूहिक रुप से प्रयास करने की आवश्यकता है। ब्रह्मकुमारी राजयोग सेवा केंद्र की ब्रह्मकुमारी अन्ना ने अपने उदबोधन में कहा कि कुसंग सिनेमा व्यसन से वर्तमान युवा पीढ़ी भटक रही है। प्रधानाचार्य आशुतोष दास ने अपने उदबोधन में कहा कि वर्तमान समय बच्चों को नैतिक शिक्षा द्वारा चरित्रवान बनाने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने भगवान भाई द्वारा बताए गए व्यसनों को छोड़ नैतिक मूल्यों को अपनाने की सभी से अपील की। कार्यक्रम में बीके राकेश भाई, बीके उदय भाई एवं शिक्षक स्टाफ उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में राजयोग मेडिटेशन भी कराया गया।
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