Thursday, 21 February 2019

सकारात्मक सोच से दूर होता है तनाव

सोच वाला व्यक्ति एवं शारीरिक रूप से सदैव रह सकता है। सोच ही तनाव का मूल है। इससे कई प्रकार के रोग उत्पन्ना हो जाते हैं। 

यह बात ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने बुधवार को ब्रह्माकुमारी आश्रम में आयोजित तपस्या शिविर में कही। उन्होंने कहा कि यदि कोई अभी हमारे साथ गलत व्यवहार कर रहा है तो अवश्य हमने भी पूर्व में कभी ऐसा व्यवहार उसके साथ किया होगा, इसलिए यह सोचें कि ऋण चुकाया। प्रमुख वक्ता ब्रह्माकुमारी संस्थान के संभागीय प्रभारी सुरेंद्र भाई ने कहा कि हमारी स्मृति और वृत्ति ही जीवन में सुख-दुःख का आधार है। स्मृति बनती है संग से और वृत्ति बनती है वातावरण से। अतः हमें सदैव सत्संग व आध्यात्मिक वातावरण का चुनाव करना चाहिए। ब्रह्माकुमारी पुष्पा बहन ने सभी शिविरार्थियों को तिलक लगाकर प्रसाद प्रदान किया तथा सविता। बहन ने राजयोग का अभ्यास करवाया। भगवान भाई ने मनासा, रामपुरा व देवरान के कार्यक्रमों में भी भाग लिया व सक्रिय सेवादारों को संबोधित किया-निप्र

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