अपराधमुक्त समाज के लिए सांस्कृतिक शिक्षा जरूरी
बेगूसराय : नैतिक शिक्षा से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है. उक्त बातें प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से आये राजयोगी ब्रम्हाकुमार भगवान भाई ने स्वामी विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजौरा एवं सुह्वद बाल शिक्षा मंदिर बेगूसराय के बच्चों को संबोधित करते हुए कहीं.
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों की जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है. नैतिक मूल्यों की कमी व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक,राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय सर्व समस्याओं का मूल कारण है.
बच्चों का मूल्यांकन,आचरण, अनुसरण,लेखन,व्यावहारिक ज्ञान एवं अन्य बातों के लिए प्रेरणा देने की आवश्यकता आज के दिनों में है. उन्होंने बताया कि जो शिक्षा बच्चों को अंधकार से प्रकाश की ओर,असत्य से सत्य की ओर, बंधनों से मुक्ति की ओर ले जाये वही मुख्य शिक्षा है.
अपराध मुक्त समाज के लिए सांस्कृतिक शिक्षा को जरूरी बताया. गुणवान व चरित्रवान बच्चे देश की सच्ची संपत्ति है. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे देश और समाज के लिए रचनात्मक और सृजनात्मक कार्य कर सकते हैं. इन्होंने कहा कि प्राचीन संस्कृति आध्यात्मिकता की ही रही है. जिस कारण प्राचीन मानव भी वंदनीय एवं पूजनीय रहा है.
उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा से ही मानव के व्यवहार में निखार लाना संभव है. ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने बताया कि वर्तमान समय में कुसंग,सिनेमा, व्यसन,फैशन से युवा पीढ़ी भटकती जा रही है. आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक शिक्षा के द्वारा युवा पीढ़ी को नयी दिशा मिल सकती है. मौके पर ब्रम्हाकुमारी राजयोग सेवा केंद्र के ब्रह्मकुमार रंजीत भाई, निदेशक अरविंद चौधरी, कौशल किशोर झा आदि ने शिक्षा के परिदृश्य के बारे में जानकारी दी .
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