5000 स्कूल कॉलेजो में और 800 जेलों कारागृह में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया है जिससे इनका नाम इंडिया बुक रिकार्ड में दर्ज है ब्रह्माकुमारीज़ माउंट आबू में ईश्वरीय सेवा में 35 वर्षो से समर्पित है.
Thursday, 26 September 2019
कुसंग,नशा,सिनेमा और क्रोध से मनुष्य बनता है अपराधी बनता:भगवान भाई
जमुई: जमुई मंडल कारा में बंद कैदियों को इंसानियत का पाठ पढ़ाने राजस्थान से राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई पहुंचे।मौके पर उन्होंने कैदियों को बताया कि कोई भी व्यक्ति जन्मजात अपराधी नहीं होता जब वह इस संसार में आता है तो वह कहीं ना कहीं गलत संगत संग फंसता,अश्लील सिनेमा देखता नशा करता और क्रोध करता है तो वह अपराधी बन जाता है।मालूम हो कि वे 800 कारागृह में नैतिकता का पाठ पढ़ा कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराए हैं।उन्होंने बताया कि अपराध मुक्त बनने हेतु स्वयं की गलतियों को महसूस करना जरूरी है,मैं जिस रास्ते पर जा रहा हूँ यह रास्ता गलत है।स्वयं की भूल कभी भी छिप नहीं सकती, मेरे किए हुए कर्मों का फल भी मुझे ही भोगना है तो फिर गलत कर्म करें क्यों। उन्होंने बताया कि कर्मों के आधार से ही संसार चलता है, कर्मों से संबंधी मिलते कर्मों से ही शरीर भी मिलता है,वास्तव में कर्म ही मनुष्य को अच्छा व बुरा बनाता है।
कर्म ही व्यक्ति का मित्र व शत्रु है भगवान भाई ने बताया कि यह कारागृह नहीं बल्कि अपने आप को सुधार लाने हेतु सुधार गृह है इसी सुधार गृह में अपने गलतियों को महसूस कर भविष्य में ऐसी गलतियां ना हो यह प्रण लेना है। उन्होंने बताया कि हमें भगवान ने इस धरती पर क्यों भेजा था मैं यहां आकर क्या कर रहा हूं मुझे क्या करना चाहिए।मानव जीवन बहुत ही अनमोल होता है उसे व्यर्थ कर्म कर व्यर्थ नहीं गंवाना है उन्होंने कहा कि 1 सेकंड का क्रोध अनेक वर्षों तक पश्चाताप कराता है।इस अवसर पर जेल के जेलर सुप्रियन टोप्पो, ने भी ब्रह्मकुमारी की सेवाओं की सराहना किया और जीवन में बुरे को त्याग कर सच्चाई सफाई जीवन में अपनाने को कहा कार्यक्रम के अंत में राजयोग मेडिटेशन भी कराया तथा सभी को साहित्य दिए इस कार्यक्रम में बेगूसराय के बी के संजय भाई बीके प्रियंका बहन बीके सीता बहन उपस्थित थे।
अपराधमुक्त समाज के लिए सांस्कृतिक शिक्षा जरूरी
अपराधमुक्त समाज के लिए सांस्कृतिक शिक्षा जरूरी
By Prabhat Khabar | Updated Date: Sep 12 2019 4:56AM
बेगूसराय : नैतिक शिक्षा से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है. उक्त बातें प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से आये राजयोगी ब्रम्हाकुमार भगवान भाई ने स्वामी विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजौरा एवं सुह्वद बाल शिक्षा मंदिर बेगूसराय के बच्चों को संबोधित करते हुए कहीं.
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों की जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है. नैतिक मूल्यों की कमी व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक,राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय सर्व समस्याओं का मूल कारण है.
बच्चों का मूल्यांकन,आचरण, अनुसरण,लेखन,व्यावहारिक ज्ञान एवं अन्य बातों के लिए प्रेरणा देने की आवश्यकता आज के दिनों में है. उन्होंने बताया कि जो शिक्षा बच्चों को अंधकार से प्रकाश की ओर,असत्य से सत्य की ओर, बंधनों से मुक्ति की ओर ले जाये वही मुख्य शिक्षा है.
अपराध मुक्त समाज के लिए सांस्कृतिक शिक्षा को जरूरी बताया. गुणवान व चरित्रवान बच्चे देश की सच्ची संपत्ति है. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे देश और समाज के लिए रचनात्मक और सृजनात्मक कार्य कर सकते हैं. इन्होंने कहा कि प्राचीन संस्कृति आध्यात्मिकता की ही रही है. जिस कारण प्राचीन मानव भी वंदनीय एवं पूजनीय रहा है.
उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा से ही मानव के व्यवहार में निखार लाना संभव है. ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने बताया कि वर्तमान समय में कुसंग,सिनेमा, व्यसन,फैशन से युवा पीढ़ी भटकती जा रही है. आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक शिक्षा के द्वारा युवा पीढ़ी को नयी दिशा मिल सकती है. मौके पर ब्रम्हाकुमारी राजयोग सेवा केंद्र के ब्रह्मकुमार रंजीत भाई, निदेशक अरविंद चौधरी, कौशल किशोर झा आदि ने शिक्षा के परिदृश्य के बारे में जानकारी दी .
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