Wednesday, 6 March 2019

राजयोग से मनोबल बढ़ता हैः भगवान भाई

राजयोग से मनोबल बढ़ता हैः भगवान भाई 👤 | Updated on: 19 Sep 2013 5:53 PM Share Post  कोरबा (ब्यूरो छत्तीसगढ़) आधुनिक जीवन शैली तनाव पैदा कर रही है। तनाव का सीधा संबंध बीमारी से है। राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा हम अपने मनोबल को मजबूत कर सकते है। उक्प उद्गार पजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू के राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई वे सामुदायिक भवन, पम्प हाउस में चल रहे तीन दिवसीय राजयोग मौन साधना कार्यत्रढम में जीवन में राजयोग का महत्व विषय पर बोल रहे थे। भगवान भाई ने कहा कि तनाव से बचने के लिए अपने जीवन को बदलने कि आवश्यक है। तनाव का कारण हरेक व्यक्पि का अलग- अलग है। उन्होंने बताया कि तनाव का मुख्य कारण मन में उठने वाले नकारात्मक विचार है। नकारात्मक विचार से आपसी व्यवहार में कटूता आती है। नकारात्मक नकारात्मक विचारों से दृष्टि वा दृष्टिकोण और व्यवहार भी नकारात्मक बनता है। जिससे मन में तनाव निर्मान होता है। उन्होंने कहा कि तनाव से मुक्प बनना है तो जीवन में घटित हर घटना के पीछे सकारात्मक दृष्टिकोण रखे। हर परिस्थिति को सकारात्मक रुप से देखे। उन्होंने गीता का महावाक्य याद दिलाते हुए कहा कि जो हुआ वह अच्छा और जो होने वाला है वह और भी अच्छा पि र चिन्ता करने की आवश्यकता नही। भगवान भाई ने कहा कि राजयोग के अभ्यास द्वारा मनोबल को मजबूत कर तनाव से मुक्पि पाई जा सकती है। तनाव के कारण मानसिक और शरीरिक अनेक बिमारीयॉ होने कि सम्भावना होती है। उन्होंने राजयोग को संजीवनी बूटी कहते हुए कहा कि राजयोग का अभ्यास करने से आन्तरिक शक्पियॉ जागृत होती है जिससे तनाव पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास से अतिन्दय सुख मिलता है जिस सुख के अनुभव द्वारा भैतिक सुख, सांसारिक वस्तू, वैभव का सुख         प ाrका लगने लगता है। उन्होंने बताया कि राजयोग के अभ्यास से मन का भटकना बंद हो जाता है। मन में एकाग्रता आती है। जिससे तनावमुक्प बन सकते है। भगवान भाई ने राजयोग की विधी बताते हुए कहा कि स्वंय को आत्मा निश्चय कर चांद, सुर्य, तारागण से पार रहने वाले निराकार परमात्मा को मन, बुध्दि से याद करना उनके गुणों का गुणगान करना और उसमें स्थित होना ही राजयोग है। उन्होने रायोग के अनुभूति के लिए सात्विक भोजन, अच्छा संग और सकारात्मक चिंतन करने की पेरणा सभी को दी।        स्थानिय ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की संचालिका बी.के. रुकमणी बहन ने ईश्वरीय महावाक्य सुनाते हुए कहा कि वर्तमान समय तनावपूर्ण परिस्थिति में सकारात्मक विचारो की आवश्यकता है। सतसंग के माध्यम से सकारात्मक विचार आते है। इस मौके पर जी.एम. एस.आर. मुकाती जी ने अपना सम्बोधन देते हुए कहा कि राजयोग के द्वारा मन कि शांति का अनुभव कर सकते है। उन्होंने बताया कि राजयोग के द्वारा ही अपने मन को वश कर विकार पर जीत पा सकते है। राजयोग सेवाकेन्द की बी.के. बिन्दू बहन ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि हम अपने गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए कमल समान न्यारे ,प्यारे बन जीवन में सुख,शांति पाप्ति के लिए यह राजयोग संजीवनी बूटी का काम करेगा। उन्होंने तीन दिवसीय कार्यत्रढम की रुपरेखा सभी को बतायी टी.एन.भावनानी ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा अपने संस्कार परिवर्तन करने के जिए मनोबल बढ़ाने एवं तनाव मुक्प बनने के लिए राजयोग हमें बहुत मदद करता है। राजयोग मौन साधना कार्यत्रढम की शुरुवात दीप पज्वलन कर की गयी। दीप पज्वलन में ब्रह्माकुमार भगवान भाई माउंट आबू, बी.के. रुकमणी बहन, बी.के. बिन्दू बहन, जी.एम. आर. एस. मुकाती, टी.एन.भावनानी ने भाग लिया। इस मौन भठ्ठी में दिपका, चांपा, सक्पी, जमनीपाली, बालको, रजगामार, कोरबा, मानिकपुर आदि-आदि स्थानों के भाई, बहनों ने भाग लिया।

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