मिरिक दार्जीलिंग ( पश्चिम बंगाल ) के सेंटर का 14 वार्षिक उत्स्व धूमधाम से मनाया
आयोजक स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र मिरिक दार्जीलिंग( पश्चिम बंगाल )
कार्यक्रम की शुरवात मोमबत्ती जलाकर किया और केक काटकर किया
कार्यक्रम की प्रमुख अतिथि --- श्रीमती नूरपण्डि लेप्चा असिस्टेंट बी डी ओ प्रोग्राम अफसर
मुख्य वक्ता ---ब्रह्माकुमार भगवान् भाई माउंट आबू राजस्तान
अतिथि --केशियर श्रीमती लकी तमांग
कार्यक्रम की अध्यक्षा ---ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन मिरिक दार्जीलिंग ( पश्चिम बंगाल ) सेण्टर इंचार्ज
श्रीमती बिनुदर्नाल बी डी ओ ऑफिस का स्टाफ
बी के देवराज भाई दार्जीलिंग
कार्यक्रम के मंच संचालन बी के दुर्गाप्रसाद भाई ने किया
ब्रह्माकुमारीज़ मिरिक दार्जीलिंग ( पश्चिम बंगाल ) के सेंटर का 14 वार्षिक उत्स्व इस अवसर पर ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा 14 वे वर्ष में यह सेंटर कुछ कमल करेगा 14 वर्ष की तपस्या हुई है इस बर्थ डे के उपलक्ष में आप सभी मिलकर संकल्प लो कि किसी का परचिंतन की बात सुनने से मन विचलित हो जाता है, मन में व्यर्थ चिंतन चलने लगते हैं इस बात को छोड़ स्वयं का चिंतन प्रभु का चिंतन करेंगे क्योकि यही डिप्रेशन का कारण होता है जिससे बचने के लिए मनुष्य नशीले द्रव्यों का सहारा लेता है। जितनी भी बीमारियां होती है, वह सब हमारे सोच से ही पैदा होती है। जीवन में परिस्थिति कैसी भी हो आपको तनाव न हो। अपने विचारों को बदल लो तो परिस्थिति बदली हुई नजर आएगी। ब्रह्माकुमारी बहनो ने अतिथियो का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार बी के दुर्गाप्रसाद भाई ने किया। इस अवसर पर आस-पास के ब्रह्माकुमारीज़ के नियमित विद्यार्थी उपस्थित थे और कुछ अतिथि भी उपस्थित थे ।
ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन ने कहा कि राजयोग के अभ्यास के द्वारा कर्म इन्द्रियों पर संयम रखकर अपने व्यवहार और कर्म में कुशलता आ सकती है।वर्तमान की परिस्थितियों में मन की एकाग्रता को बढाने के रोजयोग की आवश्यकता है। उन्होने राजयोग की विधि बताते हुए कहा कि मन बुद्घि द्वारा परमात्मा को याद करना,परमात्मा के गुणों का गुणमान करना ही राजयोग है।उन्होने कहा कि सकारात्मक सोच द्वारा ही जीवन में सच्चा सुख और शांति को पाना संभव है। बहनजी ने सभी को राजयोग जीवन में रोज अपनाने की सलाह दी
अतिथियो ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ
आयोजक स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र मिरिक दार्जीलिंग( पश्चिम बंगाल )
कार्यक्रम की शुरवात मोमबत्ती जलाकर किया और केक काटकर किया
कार्यक्रम की प्रमुख अतिथि --- श्रीमती नूरपण्डि लेप्चा असिस्टेंट बी डी ओ प्रोग्राम अफसर
मुख्य वक्ता ---ब्रह्माकुमार भगवान् भाई माउंट आबू राजस्तान
अतिथि --केशियर श्रीमती लकी तमांग
कार्यक्रम की अध्यक्षा ---ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन मिरिक दार्जीलिंग ( पश्चिम बंगाल ) सेण्टर इंचार्ज
श्रीमती बिनुदर्नाल बी डी ओ ऑफिस का स्टाफ
बी के देवराज भाई दार्जीलिंग
कार्यक्रम के मंच संचालन बी के दुर्गाप्रसाद भाई ने किया
ब्रह्माकुमारीज़ मिरिक दार्जीलिंग ( पश्चिम बंगाल ) के सेंटर का 14 वार्षिक उत्स्व इस अवसर पर ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा 14 वे वर्ष में यह सेंटर कुछ कमल करेगा 14 वर्ष की तपस्या हुई है इस बर्थ डे के उपलक्ष में आप सभी मिलकर संकल्प लो कि किसी का परचिंतन की बात सुनने से मन विचलित हो जाता है, मन में व्यर्थ चिंतन चलने लगते हैं इस बात को छोड़ स्वयं का चिंतन प्रभु का चिंतन करेंगे क्योकि यही डिप्रेशन का कारण होता है जिससे बचने के लिए मनुष्य नशीले द्रव्यों का सहारा लेता है। जितनी भी बीमारियां होती है, वह सब हमारे सोच से ही पैदा होती है। जीवन में परिस्थिति कैसी भी हो आपको तनाव न हो। अपने विचारों को बदल लो तो परिस्थिति बदली हुई नजर आएगी। ब्रह्माकुमारी बहनो ने अतिथियो का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार बी के दुर्गाप्रसाद भाई ने किया। इस अवसर पर आस-पास के ब्रह्माकुमारीज़ के नियमित विद्यार्थी उपस्थित थे और कुछ अतिथि भी उपस्थित थे ।
ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन ने कहा कि राजयोग के अभ्यास के द्वारा कर्म इन्द्रियों पर संयम रखकर अपने व्यवहार और कर्म में कुशलता आ सकती है।वर्तमान की परिस्थितियों में मन की एकाग्रता को बढाने के रोजयोग की आवश्यकता है। उन्होने राजयोग की विधि बताते हुए कहा कि मन बुद्घि द्वारा परमात्मा को याद करना,परमात्मा के गुणों का गुणमान करना ही राजयोग है।उन्होने कहा कि सकारात्मक सोच द्वारा ही जीवन में सच्चा सुख और शांति को पाना संभव है। बहनजी ने सभी को राजयोग जीवन में रोज अपनाने की सलाह दी
अतिथियो ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ
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