आंतरिक चेतना के विकास को महत्व देना जरूरी |
भास्कर न्यूजत्न बाड़मेर |
समाज में फैल रही दुर्भावना और हिंसा, चिंता का कारण बन रही है। इसके लिए जरूरी है कि व्यक्तिगत स्तर पर सकारात्मक आंतरिक चेतना के विकास को महत्व दिया जाए। ये विचार प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की भारत में संचालित हो रही स्कूलों में नैतिक शिक्षा का अलख जगाकर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने व्यक्त किए। शुक्रवार को उन्होंने एक कार्यक्रम के तहत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल की छात्राओं को नैतिक शिक्षा का महत्व बताया । राजयोगी भगवान भाई ने कहा कि आज समाज, देश एवं विश्व की क्या स्थिति है। इस बारे में हम अच्छी तरह जानते हैं। केवल भौगोलिक विकास से ही हमारा सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। नैतिक विकास से समाज और परिवार में मूल्य विकसित होते हैं, वरिष्ठ राजयोगी ने कहा हमारी विरासत हमारे मूल्य है। मूल्य की संस्कृति के कारण आज भारत की पहचान पूरे विश्व में की जाती है। भगवानभाई ने कहा बच्चों को सच्चा और मूल्यनिष्ठ बनाने का ध्यान रखना चाहिए। ब्रह्मकुमारी राजयोग केंद्र की बी.के दमा ने कहा कि जीवन में नैतिक मूल्य एवं चरित्र का आधार आध्यात्मिकता है। कांता चौधरी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा वर्तमान में बच्चों को संस्कारित करने के साथ नैतिक शिक्षा जरूरी है। |
5000 स्कूल कॉलेजो में और 800 जेलों कारागृह में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया है जिससे इनका नाम इंडिया बुक रिकार्ड में दर्ज है ब्रह्माकुमारीज़ माउंट आबू में ईश्वरीय सेवा में 35 वर्षो से समर्पित है.
Monday, 13 February 2012
आंतरिक चेतना के विकास को महत्व देना जरूरी भास्कर न्यूजत्न बाड़मेर समाज में फैल रही दुर्भावना और हिंसा, चिंता का कारण बन रही है। इसके लिए जरूरी है कि व्यक्तिगत स्तर पर सकारात्मक आंतरिक चेतना के विकास को महत्व दिया जाए। ये विचार प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की भारत में संचालित हो रही स्कूलों में नैतिक शिक्षा का अलख जगाकर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने व्यक्त किए। शुक्रवार को उन्होंने एक कार्यक्रम के तहत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल की छात्राओं को नैतिक शिक्षा का महत्व बताया । राजयोगी भगवान भाई ने कहा कि आज समाज, देश एवं विश्व की क्या स्थिति है। इस बारे में हम अच्छी तरह जानते हैं। केवल भौगोलिक विकास से ही हमारा सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। नैतिक विकास से समाज और परिवार में मूल्य विकसित होते हैं, वरिष्ठ राजयोगी ने कहा हमारी विरासत हमारे मूल्य है। मूल्य की संस्कृति के कारण आज भारत की पहचान पूरे विश्व में की जाती है। भगवानभाई ने कहा बच्चों को सच्चा और मूल्यनिष्ठ बनाने का ध्यान रखना चाहिए। ब्रह्मकुमारी राजयोग केंद्र की बी.के दमा ने कहा कि जीवन में नैतिक मूल्य एवं चरित्र का आधार आध्यात्मिकता है। कांता चौधरी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा वर्तमान में बच्चों को संस्कारित करने के साथ नैतिक शिक्षा जरूरी है।
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