Thursday, 2 February 2012

परमात्मा नाम से न्यारा नहीं है, उसका नाम न्यारा है। शिव परमात्मा का स्वकथित आलोकित नाम है। शिव का अर्थ है कल्याणकारी, बीज रूप, बिंदू, परमात्मा सारी सृष्टि को सद्गति दाता है इसलिए वह कल्याणकारी है। जिस प्रकार बीज किसी वृक्ष का रचयिता होता है। इसी प्रकार परमात्मा शिव भी मनुष्य सृष्टि रूपी वृक्ष का निर्मित बीज है। इसलिए उसे सदाशिव भी कहते हैं। परमात्मा शिव का कोई रचयिता नहीं है इसलिए उसे स्वयंभू अथवा शंभू भी कहते हैं। उन्होंने बताया कि परमात्मा शिव,ज्योति बिंदु स्वरूप हैं। उनका कोई शारीरिक आकार नहीं होता है इसलिए उन्हें निराकार कहा जाता है। परमात्मा और आत्माएं भिन्न-भिन्न सत्ताएं हैं। परमात्मा एक है जबकि आत्मा अनेक हैं। शिव विश्व की सर्व आत्माओं के परमपिता

परमात्मा नाम से न्यारा नहीं है, उसका नाम न्यारा है। शिव परमात्मा का स्वकथित आलोकित नाम है। शिव का अर्थ है कल्याणकारी, बीज रूप, बिंदू, परमात्मा सारी सृष्टि को सद्गति दाता है इसलिए वह कल्याणकारी है। जिस प्रकार बीज किसी वृक्ष का रचयिता होता है। इसी प्रकार परमात्मा शिव भी मनुष्य सृष्टि रूपी वृक्ष का निर्मित बीज है। इसलिए उसे सदाशिव भी कहते हैं। परमात्मा शिव का कोई रचयिता नहीं है इसलिए उसे स्वयंभू अथवा शंभू भी कहते हैं। उन्होंने बताया कि परमात्मा शिव,ज्योति बिंदु स्वरूप हैं। उनका कोई शारीरिक आकार नहीं होता है इसलिए उन्हें निराकार कहा जाता है। परमात्मा और आत्माएं भिन्न-भिन्न सत्ताएं हैं। परमात्मा एक है जबकि आत्मा अनेक हैं।

शिव विश्व की सर्व आत्माओं के परमपिता

No comments:

Post a Comment