Monday, 15 September 2014

केन्द्रीय जेल में बंदियाे को पढ़ाया तनावमुक्त होने का पाठ




      प्रजापति ब्रह्ाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माऊंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रहृाकुमार भगवानाभाई ने देश की करीब 800 जेलो में जाने का निर्णय धारण किया है। उन्होनें बताया कि उनका मुख्य मंत्तव बुरे कार्य करने वाले लोगो को अच्छे संस्कार देना है ताकि कोई भी इंसान बुरे काम को करे ही ना। इसलिए ही वह देश की जेलो का भ्रमण कर कैदियो को अच्छी संगती अपनाने का संदेश दे रहे है। उन्होनें बताया कि वह अब फिरोजपुर की केन्द्रीय जेल में भी जाकर तनावमुक्त रहने का प्रचार करेंगे। फिरोजपुर के सेवा केन्द्र में ब्रहृकुमार भगवानभाई ने कहा कि किसी भी समस्या का कारण ढूंढने की बजाय उसका निवारण करे। समस्या का चिन्तन करने से तनाव की उत्पति होती है। जीवन की हर घटना परिस्थिति में हमारा कल्याण ही समाया है। उन्होनें कहा कि मन के विचारो का प्रभाव वातावरण, पेड़-पौधे, स्वयं दूसरो के ऊपर भी पड़ता है। अगर हमारे विचार नकरात्मक होंगे तो उसका प्रभाव भी नकरात्मक होगा। उन्होनें कहा कि हमे परमात्मका की शरण में जाने की जरूरत है। सभी बोझ भगवान को देकर हमे निश्चिंत हो जाना है। उन्होनें कहा कि परमपिता शिव है और हम सभी उनके बच्चे है। हम सभी आत्मा है। क्योंकि मरने के बाद तो शरीर पांच तत्व में मिल जाना है, जबकि आत्मा अमर रहती है। जिस तरह नए कपड़े पहनने के लिए पुराने वस्त्र उतारने पड़ते है, उसी तरह नई यौनी धारण करने के लिए पुराना शरीर छोंड़ना पड़ता है। उन्होनेंे कहा कि उनका विचार है कि सोमवार को वह फिरोजपुर की केन्द्रीय जेल में बंदियो के साथ अपने विचार सांझे करेंगे।


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