तनाव दूर भगाने के आसान सूत्र
तनाव आधुनिक युग की देन है। इसकी चपेट में कोई भी अछूता नहीं है। कोई असफल
होने पर तनावग्रस्त हो जाता है तो कोई जीवन से निराश रहने पर। किसी न किसी
रूप में तनाव मनुष्य को घेरे रहता है। इसके लिए हमें ढूंढना होगा कि हमारे
तनाव के क्या कारण हैं और उनके समाधान ढूंढने का प्रयास कर इस पर कुछ हद
तक नियंत्रण पाना संभव हो सकता है। आइए देखें कुछ उपाय जिनसे तनाव पर काबू
पाया जा सके।
भय, आतंक, क्रोध,र् ईष्या व दुःख नकारात्मक मनोवेग हैं।
इन मनोवेगों से मन को उबारने का प्रयास करें। यदि मन इन मनोवेगों में उलझ
कर जायेगा तो इंसान छुटकारा पाने के लिए सोच को सकारात्मक बनाएं। अच्छी सोच
मनुष्य को सफलता के द्वार तक ले जाती है। अपने रूचिकर एवं उपयोगी कार्यों
को करें और तनावमुक्त रहें।
यह सच है कि खुशी दुःखों को दूर करती है
इसलिए अपने स्वभाव में कड़वाहट के स्थान पर मुस्कराहट भरें। खुश रहने वाला
इंसान हर कार्य को मनोयोग से करता है। वह कार्य को बोझ नहीं समझता। दुःख
अशांति और असंतोष की बातें न करें। इससे स्वयं भी दुःखी होंगे और दूसरों को
भी दुःखी क...
जीवन
में हम बहुत सी शारीरिक और मानसिक बीमारियों से गुज़रते हैं। अनावश्यक
तनाव भी इसी प्रकार की एक बीमारी है जो बहुत सी मानसिक चिंताओं जैसे जल्दी
परेशान हो जाना, प्रतिदिन होने वाले कामों की चिंता करने से उत्पन्न हो
जाती है। इस मानसिक तनाव के बहुत से प्रकार होते हैं जैसे- पैनिक
डिस्ऑर्डर, ऑपसेसिव-कंपल्सिव डिस्ऑर्डर, फोबिया और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस
डिस्ऑर्डर।
शरीर भौतिक और मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों के बीच भेद
नहीं करता. जब आप किसी कार्यक्रम व्यस्त हो,और वहाँ किसी समस्या का सामना
करना पड़ता है जैसे एक दोस्त के साथ बहस है , ट्रैफिक जाम में हों या आपके
पास बिलों का भार है तब आपको तनाव के प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है
तनाव (Stress) मन स्थिति की उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के
बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक द्वन्द
है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक
मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर
अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित
होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है।
आसान शब्दों में, तनाव वह व्यवहार है जो किसी परिवर्तन के कारण पैदा होता
है। यह उन शारीरिक और भावनात्मक स्थितियों के परिणामस्वरूप पैदा होता है
जिन्हें हम नया, डरावना, भ्रम में डालने वाला, रोमांचक या थकाने वाला मानते
हैं। जरूरी नहीं कि तनाव बाहरी आवश्यकताओं की वजह से ही पैदा हो, ये तो
हमारे शरीर के भीतर से हमारी उम्मीदों, आशंकाओं, उम्मीदों और मान्यताओं की
वजह से भी पैदा हो सकता है। ये मस्तिष्क और शरीर के लिए किसी संकेत की तरह
काम करता है ताकि ये अपने आपको अचानक पैदा होने वाली किसी स्थिति के लिए
तैयार कर सके।
मानसिक तनाव के कारण
मानसिक तनाव के बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमें मस्तिष्क में पाए जाने वाले रसायनो का बढ़ना
या घटना, इन्सोमेनिया, अत्याधिक तनाव, कोई बड़ा हादसा आदि।
इनके साथ कई मेडिकल परिस्थितियाँ भी शामिल हो सकती हैं जैसे-
हाईपोग्लायसीमिया या फिर कोई तनावपूर्ण कार्य या यह अनुवांशिक भी हो सकता
है।
कार्य को टालने से
अधिक कार्य भार सँभालने से
प्रत्येक कार्य में सुख को तलाशने में
बुरे सपने दिखाई देना
पत्रिकाऍं बहुत अधिक पढना
भोजन की पर्याप्तता पर ध्यान दें;
कटु अतीत को केवल सबक लेने के लिए याद रखें;
कोई बड़ा विश्वास घात होने पर
किसी व्यक्ति पर अत्यधिक शंका करने से
किसी प्रकार का नशे का सेवन करने से
आवश्यक नींद न लेने से
विश्राम पर ध्यान न देंने से
किसी कष्ट दायक बात को बार-बार याद करने से
फिर किसी पुराने हादसे की याद आना।
लक्षण
डर लगना
इस तरह के तनाव में शारीरिक लक्षणों के साथ-साथ भावनात्मक लक्षण भी देखे जाते हैं। भावनात्मक लक्षणों में डर लगना,
घबराहट,होना
इस तनाव से गुज़र रहे मरीज़ों में नींद कम आना
हृदयगति बहुत तेज़ होना
हाथों का ठंडा पड़ जाना आदि लक्षण देखे गए हैं।
फिर किसी पुराने हादसे की याद आना।
सदैव चिंतित रहना
बिना बात सोचते रहना
बच्चो पर गुस्सा करना
किसी कम में मन न लगना
एकांत वातावरण को पसंद करना
नकारात्मक सोच बने रहना
चिडचिडापन बने रहना
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