माउंट
आबू से
आये हुए
बी के
भगवान् भाई
ने कहा
बच्चो के
विकास के
लिए भौतिक
शिक्षा के
साथ नैतिक
शिक्षा भी
जरूरी है।
हर मनुष्य
को जीवन
मूल्यों की
रक्षा करना
चाहिए। इन
मूल्यों की
रक्षा करने
वाला अमर
बन जाता
है।
उन्होंने कहा
कि छात्र-छात्राओं
के लिए
जितना जरूरी
किताबी ज्ञान
है, उतना ही
जरूरी नैतिक
मूल्यों को
जीवन में
धारण करने
की प्रेरणा
देना है।
नैतिक मूल्यों
की कमी
व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय एवं
अंतर्राष्ट्रीय सर्व
समस्याओं का
मूल कारण
है। अत: शैक्षणिक
संस्थाओं में
पढ़ाई के
साथ ब'चों
का मूल्यांकन, आचरण, अनुसरण, व्यावहारिक
ज्ञान, लेखन एवं
अन्य बातों
की तरफ
प्रेरणा देने
की जरूरत
है। उन्होंने
कहा कि
जो शिक्षा
ब'चों को
अंधकार से
प्रकाश की
ओर, असत्य से
सत्य की
ओर, बंधनों से
मुक्ति की
ओर ले
जाए वही
वास्तविक शिक्षा
है। अपराध
मुक्त समाज
की स्थापना
के लिए
मानवीय मूल्यों, नैतिक
मूल्यों, नैतिक शिक्षा
एवं आध्यात्मिक
शिक्षा के
द्वारा वर्तमान
के युवाओं
को सशक्त
व संस्कारित
करना जरूरी
है। आज
का युवा
कल का
भावी समाज
है। वर्तमान
का सशक्त
युवा भविष्य
के समाज
को सशक्त
बना सकता
है। वर्तमान
समय कुसंग, सिनेमा, व्यसन
और फैशन
से युवा
पीढ़ी भटक
रही है।
आध्यात्मिक ज्ञान
और नैतिक
शिक्षा के
द्वारा युवा
पीढ़ी को
नई दिशा
मिल सकती
है। उन्होंने
बताया कि
सिनेमा, इन्टरनेट व
टीवी के
माध्यम से
युवा पीढ़ी
को बचाने
की आवश्यकता
है। युवा
पीढ़ी को
कुछ रचनात्मक
कार्य सिखाएं
तब उनकी
शक्ति सही
उपयोग में
ला सकेंगे।
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