Wednesday, 17 August 2016

भद्रकः ओडिसा में गूंगे बहरे और अन्धे बच्चो को नैतिक मूल्यों का और अच्छे बच्चे बनने का पाठ पढ़ाया































 ​भद्रकः ओडिसा में गूंगे बहरे और अन्धे  बच्चो को नैतिक मूल्यों का और अच्छे बच्चे बनने का पाठ पढ़ाया
आयोजक स्थानीय ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र भद्रकः ओडिसा
मुख्य वक्ता ---ब्रह्माकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
विषय ---नैतिक मूल्यों से  अच्छे बच्चे
सीनियर शिक्षिका --सुहाषीनी मैडम
बीके मनोज ,बीके अजय ,बी के अनीता उपस्थित थे
बच्चो ने भगवान् भाई का स्वागत फूलो से किया,भगवान् भाई ने कहा की हमे मन से मजबूत बनना है आज जिसका कण ,आंख ,मुख होते हुए भी अगर मन कमजोर है तो वह अंधे , गूंगे  और बहरे ही है आप अपने को मनोबल को मजबूत करो भगवन भाई ने अच्छी अच्छी कहानियो से बच्चो को शेष्ठ  करने की प्रेरणा दी

बच्चो ने गीत इतनी शक्ति देना दाता। ... गीत गाया , अंत में मेडिटेशन करवाया प्रसाद भी दिया
ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि वर्तमान समय कुसंगसिनेमाव्यसन और फैशन से युवा पीढ़ी भटक रही है। आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक शिक्षा के द्वारा युवा पीढ़ी को नई दिशा मिल सकती है। उन्होंने बताया कि सिनेमा इन्टरनेट  टीवीके माध्यम से युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति का आघात हो रहा है। इस आघात से युवा पीढ़ी को बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी को कुछ रचनात्मक कार्य सिखाएतब उनकी शक्ति सही उपयोग में ला सकेंगे। वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि हमारे मूल्य हमारी विरासत है। मूल्य की संस्कृति के कारण भारत की पूरे विश्व में पहचान है। इसलिए नैतिक मूल्यमानवीय मूल्यों की पुर्नस्थापना के लिए सभी को सामूहिक रूप में प्रयास करने चाहिए। सकारात्मक चिन्तन का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मक चिन्तन से समाज में मूल्यों की खुशबू फैलती है। सकारात्मक चिन्तन से जीवन की हर समस्याओं का समाधान होता है। उन्होंने शिक्षा का मूल उद्देश्य बताते
सिनेमा इंटरनेट ने भटकाया

No comments:

Post a Comment