Wednesday, 20 December 2017

PUNE CRICKET ENGIL GROUP WINNER BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU GIVE GOOD WISHES


















GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

GULBARGA KARNATAK FORT BK BHAGWAN BHAI MOUNT ABU

BRAHMAKUMARI MEDITESHAN IN SARAVAJNA COLLAGE GULBARGA KARNATAK

Friday, 24 November 2017

BRAHMAKUMARI MUZAFFARPUR डी ए व्ही पब्लिक स्कूल मालीघाट मुजफ्फरपुर में ...

BRAHMAKUMARI MUZAFFARPUR मुजफ्फरपुर में ब्रह्माकुमारी MORAL VALU PROGRAM NEWS










2nd email -- डी ए व्ही पब्लिक स्कूल मालीघाट मुजफ्फरपुर में ब्रह्माकुमारी द्वारा नैतिक मूल्यों का पाठ पढाया








































डी ए व्ही पब्लिक स्कूल मालीघाट मुजफ्फरपुर में ब्रह्माकुमारी द्वारा नैतिक मूल्यों का पाठ पढाया
 माउंट आबू से आये हुए बी के भगवान् भाई ने कहा बच्चो  के विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा भी जरूरी है। हर मनुष्य को जीवन मूल्यों की रक्षा करना चाहिए। इन मूल्यों की रक्षा करने वाला अमर बन जाता है।
भगवान  भाई  कहा कि समाज में व्यक्ति दो चीजों से पहचाना जाता है | पहला ज्ञान और दूसरा उसका नैतिक व्यवहार | व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए यह दोनों ही अति आवश्यक है | अगर ज्ञान सफलता की चाबी है तो नैतिकता सफलता की सीढ़ी | एक के अभाव में दूसरें का पतन निश्चित है | नैतिकता के कारण ही विश्वास में दृढ़ता और समझ में प्रखरता आती है |
उन्होंने कहा की नैतिक शिक्षा  गुणों का विकास करती है | बच्चों को संस्कारों से जोड़ती है | उन्हें उनके कर्तव्यों का ज्ञान कराती है | परिवार, समाज, समूह के नैतिक मूल्यों को स्वीकारना तथा सामाजिक रीति – रिवाजों, परम्पराओं व धर्मों का पालन करना सिखाती है  
भगवान  भाई ने कहा कि  नैतिक शिक्षा वह शिक्षा है जो हमें बड़ों का आदर करना, सुबह जल्दी उठाना, सत्य बोलना, चोरी न करना, माता – पिता के चरणस्पर्श करना तथा अपराधिक प्रवृतियों से दूर रहना सिखाती है उन्होंने  कहा कि बचपन से ही बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने से उन्हें भले – बुरे, उचित – अनुचित का ज्ञान हो जाता है | वह समझने लगता है कि कौन सा व्यवहार सामाजिक है और कौन सा व्यवहार असामाजिक | किन व्यवहारों को करने से समाज में प्रतिष्ठा, प्रंशसा एवं लोकप्रियता मिलती है और किससे नहीं |
प्रिंसिपल श्री अनिल कुमार जी ने कहा कि नैतिक शिक्षा किसी भी व्यक्ति के विकास में उतना ही आवश्यक है जितना कि स्कूली शिक्षा। नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक व आत्मबल प्रदान करता है।
बी के पूनम ने ब्रह्माकुमारी विद्यालय का  दिया अंत में भगवान  भाई ने मेडिटेशन भी कराया