परमात्मा सर्व आत्माओं का पिता है। यदि सबके अंदर वही एक सत्ता विराजमान है तो सभी परमात्मा बाप हो जायें तो फिर हमारा आपस में भाई-भाई का नाता ही समाप्त हो जायेगा। धर्मात्मायें, देवात्मायें, पुण्यात्मायें, पापात्मायें अनेक हैं जबकि परमात्मा एक है। परमात्मा यदि सब जगह विद्यमान होता है तो उन्हें ऊपर वाला न कहकर अंदर वाला कहना चाहिए था तथा फिर बुलाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि परमात्मा तो धर्म, ग्लानि के समय अवतरित होता है। शास्त्रों के अनुसार उन्हें हर युग में 24 अवतार लेकर आना बताया गया है। उन्होंने कहा कि गीता का सत्य ज्ञान स्वयं परमपिता परमात्मा शिव द्वारा इस कलियुग के अंत में शीघ्र होने वाले महाविनाश के पहले जब पूरी दुनियां कुरुक्षेत्र बन जाती है तब श्रीकृष्ण की आत्मा के 84 वें जन्म के शरीर में दिव्य प्रवेश कराके दिया जाता है। उस शरीर का नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखते हैं जिन्हें कोटों में कोई भी पहचान पाते हैं। आखिर वो श्रेष्ठ आत्मा कौन है जिसके शरीर रूपी रथ द्वारा स्वयं परमात्मा इस पतित पुरानी नरक की दुनियां को बदलकर पावन सतयुगी सृष्टि की स्थापना कर 79 वर्षो से कर रहे हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में महिला व पुरुषों ने हिस्सेदारी की।
5000 स्कूल कॉलेजो में और 800 जेलों कारागृह में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया है जिससे इनका नाम इंडिया बुक रिकार्ड में दर्ज है ब्रह्माकुमारीज़ माउंट आबू में ईश्वरीय सेवा में 35 वर्षो से समर्पित है.
Wednesday, 11 February 2015
परमात्मा सर्व आत्माओं का पिता है
परमात्मा सर्व आत्माओं का पिता है। यदि सबके अंदर वही एक सत्ता विराजमान है तो सभी परमात्मा बाप हो जायें तो फिर हमारा आपस में भाई-भाई का नाता ही समाप्त हो जायेगा। धर्मात्मायें, देवात्मायें, पुण्यात्मायें, पापात्मायें अनेक हैं जबकि परमात्मा एक है। परमात्मा यदि सब जगह विद्यमान होता है तो उन्हें ऊपर वाला न कहकर अंदर वाला कहना चाहिए था तथा फिर बुलाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि परमात्मा तो धर्म, ग्लानि के समय अवतरित होता है। शास्त्रों के अनुसार उन्हें हर युग में 24 अवतार लेकर आना बताया गया है। उन्होंने कहा कि गीता का सत्य ज्ञान स्वयं परमपिता परमात्मा शिव द्वारा इस कलियुग के अंत में शीघ्र होने वाले महाविनाश के पहले जब पूरी दुनियां कुरुक्षेत्र बन जाती है तब श्रीकृष्ण की आत्मा के 84 वें जन्म के शरीर में दिव्य प्रवेश कराके दिया जाता है। उस शरीर का नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखते हैं जिन्हें कोटों में कोई भी पहचान पाते हैं। आखिर वो श्रेष्ठ आत्मा कौन है जिसके शरीर रूपी रथ द्वारा स्वयं परमात्मा इस पतित पुरानी नरक की दुनियां को बदलकर पावन सतयुगी सृष्टि की स्थापना कर 79 वर्षो से कर रहे हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में महिला व पुरुषों ने हिस्सेदारी की।
‘यह कारागृह नहीं बल्कि सुधारगृह है
भास्कर संवाददाता-!-अंबाह
‘यह कारागृह नहीं बल्कि सुधारगृह है, यहां आपको सुधरने के लिए भेजा है। आपको चाहिए कि यहां से निकलकर आप बैर भाव के चलते बदला लेने जैसा अपराध न करें, बल्कि बदलकर सामाजिक हो जाएं’ यह बात प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने उप जेल अंबाह में कैदियों को संबोधित करते हुए कही।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को स्थानीय जेल में संस्कार परिवर्तन व व्यवहार शुद्धि विषय पर कैदियों के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। भगवान भाई ने कहा कि सभी कैदी भाई खुद को बदलने के लिए यह सोचे कि आखिर वे इस संसार में अपराध करने या अपराधी बनने आए थे? क्या मेरे जीवन का उद्देश्य अपराधी बनना था? अगर इन बातों का जवाब आपको ‘न’ के रूप में प्राप्त हो तो समझ लीजिए कि आपको बदलना है। कार्यक्रम में कैदियों के अलावा स्थानीय प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सदस्य, जेल कर्मी व शहर के समाजसेवी भी उपस्थित रहे।
‘यह कारागृह नहीं बल्कि सुधारगृह है, यहां आपको सुधरने के लिए भेजा है। आपको चाहिए कि यहां से निकलकर आप बैर भाव के चलते बदला लेने जैसा अपराध न करें, बल्कि बदलकर सामाजिक हो जाएं’ यह बात प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने उप जेल अंबाह में कैदियों को संबोधित करते हुए कही।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को स्थानीय जेल में संस्कार परिवर्तन व व्यवहार शुद्धि विषय पर कैदियों के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। भगवान भाई ने कहा कि सभी कैदी भाई खुद को बदलने के लिए यह सोचे कि आखिर वे इस संसार में अपराध करने या अपराधी बनने आए थे? क्या मेरे जीवन का उद्देश्य अपराधी बनना था? अगर इन बातों का जवाब आपको ‘न’ के रूप में प्राप्त हो तो समझ लीजिए कि आपको बदलना है। कार्यक्रम में कैदियों के अलावा स्थानीय प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सदस्य, जेल कर्मी व शहर के समाजसेवी भी उपस्थित रहे।
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