Thursday 1 May 2014

श्रेष्ठ चरित्र बनाता है महान व्यक्ति : भगवान





श्रेष्ठ चरित्र बनाता है महान व्यक्ति : भगवान
मंडी। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू के राजयोगी भगवान भाई ने राजकीय कन्या वमापा मंडी में छात्राआें को नैतिक शिक्षा का ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र धन शक्ति से नहीं बल्कि श्रेष्ठ चरित्रवान नागरिकों के बल पर महान बनता है। मूल्य शिक्षा के कारण की भारत महान था। कहा कि मन में पैदा होने वाले कल्याणकारी विचार ही मूल्य हैं। श्रेष्ठ विचार मन में चलने से कर्म और व्यवहार में कुशलता आती है। कहा कि मानव जीवन को अंधकार से प्रकाश, दुख से सुख और मरण से अमरत्व की ओर जाना ही वास्तव में शिक्षा का उद्देश्य है। भगवान भाई ने कहा कि कुसंग, सिनेमा और व्यसन से युवा भटकते हैं। ब्रह्मकुमारी दक्षा तथा दीपा बहन ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बीके गुलाब, जागृति सहित शिक्षक भी मौजूद रहे।

श्रेष्ठ चरित्र बनाता है महान व्यक्ति : भगवान







श्रेष्ठ चरित्र बनाता है महान व्यक्ति : भगवान
मंडी। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू के राजयोगी भगवान भाई ने राजकीय कन्या वमापा मंडी में छात्राआें को नैतिक शिक्षा का ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र धन शक्ति से नहीं बल्कि श्रेष्ठ चरित्रवान नागरिकों के बल पर महान बनता है। मूल्य शिक्षा के कारण की भारत महान था। कहा कि मन में पैदा होने वाले कल्याणकारी विचार ही मूल्य हैं। श्रेष्ठ विचार मन में चलने से कर्म और व्यवहार में कुशलता आती है। कहा कि मानव जीवन को अंधकार से प्रकाश, दुख से सुख और मरण से अमरत्व की ओर जाना ही वास्तव में शिक्षा का उद्देश्य है। भगवान भाई ने कहा कि कुसंग, सिनेमा और व्यसन से युवा भटकते हैं। ब्रह्मकुमारी दक्षा तथा दीपा बहन ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बीके गुलाब, जागृति सहित शिक्षक भी मौजूद रहे।

शिक्षक आदर्श समाज का निर्माता







शिक्षक आदर्श समाज का निर्माता
मंडी। आदर्श शिक्षक आदर्श समाज का निर्माता है। एक शिक्षक के रास्ते से भटकने पर सारा समाज भटक सकता है। यह बात प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू राजस्थान से आए राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कही। वीरवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंडी में आदर्श शिक्षा विषय पर कार्यक्रम रखा था। इस मौके पर भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा लेने के बाद जीवन में अनुशासन, भाईचारा, रचनात्मकता, जागृति आ जाए तभी हम समाज के लिए उपयोगी बन सकते हैं। शिक्षा के द्वारा ही विचार शक्ति, निर्णय शक्ति और सद्गुणाें का विकास होता है। इस मौके पर स्थानीय ब्रह्मकुमारी केंद्र की बीके दक्षा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई तथा ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का परिचय दिया। इस अवसर पर बीके दया, जागृति और बीके जगदीश शर्मा मौजूद थे।